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MP विधानसभा का मानसून सत्र 2 दिन भी नहीं चला, कमलनाथ ने कहा- महत्वपूर्ण मुद्दों पर सदन में बहस करने को शिवराज सरकार तैयार नहीं

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा का 5 दिन का मानसून सत्र 2 दिन में ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। यह सत्र 11 जुलाई से 15 जुलाई तक 5 दिन चलना था। लेकिन, सत्र के दूसरे दिन 12 जुलाई को ही हंगामे के चलते इसको आज ही समाप्त कर दिया गया। इन दो दिनों में सत्र मात्र 4 घंटे ही चला। पहले दिन 2 घंटे और आज दूसरे दिन 2 घंटे। बता दें कि 15वीं विधानसभा का यह अंतिम सत्र था।

सदन में बहस करने का सरकार में नैतिक साहस नहीं : कमलनाथ

इधर, मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के अचानक सत्रावसान किए जाने कि घोषणा पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा – विधानसभा का मानसून सत्र 2 दिन भी नहीं चला, कल कुछ घंटे सत्र चला और आज कुछ घंटे ही सत्र चला। मुझे इस बात कि पूरी आशंका थी कि महाकाल लोक में हुए भ्रष्टाचार, सतपुड़ा अग्निकांड, महंगाई, बेरोजगारी, ध्वस्त हो चुकी कानून व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर सदन में बहस करने का सरकार में नैतिक साहस नहीं है। उन्होंने कहा- हमारी मांग थी कि प्रदेश के आदिवासियों पर लगातार हो रहे अत्याचारों पर स्थगन प्रस्ताव लाया जाए, किंतु प्रदेश की शिवराज सरकार सदन में चर्चा के लिए ही तैयार नहीं है।

संवैधानिक मूल्यों का मखौल उड़ाया : कमलनाथ

कमलनाथ ने कहा- सरकार गंभीर मुद्दों पर सदन का सामना करना तो दूर, अब प्रदेश का सामना करने में असफल और अक्षम साबित हो गई है। जबकि, प्रदेश में हर वर्ग परेशान, आक्रोशित और व्यथित है। इन सबसे अलग सरकार ने प्रायोजित तरीके से कुछ ही घंटों में सदन के इस आख़िरी सत्र का समापन कर संवैधानिक मूल्यों का मखौल उड़ाया है। अब हम सड़कों पर इनके विरुद्ध संघर्ष करेंगे।

न चीते सुरक्षित, न महिलाएं और न ही आदिवासी : कमलनाथ

कूनो नेशनल पार्क में लगातार हो रही चीतों मौतों पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, हर क्षेत्र में अराजकता है। यहां न तो चीते सुरक्षित हैं, न महिलाएं और न ही आदिवासी समुदाय। केवल ठेकेदार और भ्रष्टाचारी सुरक्षित हैं। कमलनाथ ने कहा, चाहे चीतों का मुद्दा हो या आदिवासियों का, (सुरक्षा की) उचित व्यवस्था कहां है। यह देखकर बहुत दुख होता है कि मध्य प्रदेश को किस दिशा में घसीटा जा रहा है।

यह घोटालों का अनुपूरक बजट : नेता प्रतिपक्ष

नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि, यह अंतिम सत्र है। भाई चारे सौहाद्र से सदन चलाएं। इसके साथ ही सीएम शिवराज पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए उन्हें जालिम तानाशाह कहा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा- सरकार सत्र नहीं चलाने दे रही, विपक्ष की बात नहीं सुन रहे विपक्ष कहां जाए।

स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करें, सरकार स्थगन प्रस्ताव से भाग रही है। सीधी के आदिवासी भाई को अब तक न्याय नहीं मिला है। जब तक सरकार स्थगन लाकर आदिवासी मुद्दों पर चर्चा नहीं कराती, विपक्ष सदन की कार्यवाही नहीं चलने देगा। वहीं अनुपूरक बजट को लेकर कहा- यह घोटालों का अनुपूरक बजट है।

कूनो में चीतों की मौत मामले में विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर बना हुआ है। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह का आरोप- चीतों को अच्छा भोजन नहीं दिया जा रहा, देख-रेख नहीं हो रही। चीतों को लाने में 100 करोड़ खर्च किए, सरकार ध्यान नहीं दे रही।

पटवारी परीक्षा में फर्जीवाड़े के आरोप झूठे : नरोत्तम

पटवारी परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े को लेकर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा बोले- चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस ने परीक्षा में गड़बड़ी का मामला उठाना शुरू कर दिया। यह पूरी तरह से कांग्रेस की साजिश है। मध्य प्रदेश में 8000 से अधिक पटवारी परीक्षा में चयनित होकर आए हैं। 13 जिलों में सेंटर बनाए गए, 35 दिन परीक्षाएं चली, 70 से अधिक प्रश्न पत्र आए। कांग्रेस की तरफ से लगाए गए गड़बड़ी के सभी आरोप झूठे हैं।

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