vikrant gupta
8 Oct 2025
सीहोर। कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में तीन दिवसीय आयोजन में शामिल होने आए श्रद्धालुओं के बीच अफरातफरी, अव्यवस्थाओं और भारी भीड़ के चलते तीन दिनों में सात श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इस दर्दनाक घटनाक्रम के बाद सत्तारूढ़ भाजपा से लेकर विपक्षी कांग्रेस नेताओं ने भी आयोजन की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए हैं।
सरकार ने मामले की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की है, जबकि पूर्व मंत्री कुसुम महदेले ने आयोजक प्रदीप मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई और रुद्राक्ष वितरण बंद करने की मांग की है।
मंगलवार को कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष वितरण के दौरान भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे अव्यवस्था फैल गई और भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में दो महिलाओं की मौत हो गई, जबकि कई अन्य श्रद्धालु घायल हो गए।
बुधवार को तीन अलग-अलग श्रद्धालुओं की मौत तब हुई जब उनकी तबीयत आयोजन स्थल या उसके आसपास अचानक बिगड़ गई। कई लोगों को वक्त पर इलाज नहीं मिल पाया।
गुरुवार को दो और श्रद्धालुओं की मौत हुई, दोनों मामलों में हार्ट अटैक को कारण बताया गया।
इस आयोजन में शामिल कई श्रद्धालु हाईवे पर गिरने या भीड़ के दबाव में बेहोश होने से घायल भी हुए हैं।
पंडित मिश्रा ने आयोजन के दौरान कहा था कि श्रावण मास में शिव और पार्वती पृथ्वी पर निवास करते हैं, यह मास शिव-सेवा का विशेष अवसर है। कांवड़ यात्रा शिव युग की वापसी का प्रतीक है। हालांकि मौतों और अव्यवस्थाओं पर अभी तक उनकी ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
बुधवार को पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा 11 किमी लंबी कांवड़ यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा सीहोर की सीवन नदी से शुरू होकर कुबेरेश्वर धाम तक पहुंची। आयोजकों का दावा है कि इस यात्रा में ढाई लाख से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए। पूरे मार्ग में हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा भी कराई गई, लेकिन आवागमन की व्यवस्था चरमराई रही। भोपाल-इंदौर हाईवे पर लंबा ट्रैफिक जाम देखने को मिला।