Mithilesh Yadav
7 Oct 2025
Peoples Reporter
7 Oct 2025
Shivani Gupta
7 Oct 2025
जम्मू। जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। रविवार सुबह कठुआ जिले के राजबाग इलाके के जोड़ घाटी गांव में बादल फटने से भारी तबाही हुई। इस घटना में अब तक 4 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 6 लोग घायल बताए जा रहे हैं। यह घटना बीते तीन दिन में दूसरी बड़ी त्रासदी है। इससे पहले 14 अगस्त को किश्तवाड़ जिले के चसोटी गांव में बादल फटने से 65 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
बादल फटने से जोड़ घाटी गांव का शहर से संपर्क टूट गया। कई घरों में पानी और मलबा भर गया, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। घायलों को जिला अस्पताल कठुआ और जम्मू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। रेस्क्यू टीम ने बड़ी मशक्कत के बाद गांव तक पहुंच बनाई और लोगों को सुरक्षित निकालने का काम जारी है।
कठुआ जिले के मथरे चक, बगार्ड-चंगड़ा और दिलवान-हुटली इलाकों में भी भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ। इससे कई रास्ते बंद हो गए हैं और संपत्ति को नुकसान हुआ है। वहीं, जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग का एक हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया है, जिसके कारण घंटों यातायात बाधित रहा। रेलवे ट्रैक और कठुआ पुलिस स्टेशन को भी नुकसान की खबर है।
14 अगस्त को किश्तवाड़ जिले के चसोटी गांव में बादल फटने से 65 लोगों की मौत हुई थी और 200 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं। वहां राहत कार्य में NDRF, SDRF, सेना और पुलिस की टीमें जुटी हैं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला खुद पीड़ितों से मिलने पहुंचे थे और सहायता राशि की घोषणा की थी।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 17 से 19 अगस्त तक जम्मू-कश्मीर के 11 जिलों- जम्मू, रियासी, उधमपुर, राजौरी, पुंछ, सांबा, कठुआ, डोडा, किश्तवाड़, रामबन और कश्मीर के कुछ हिस्सों में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की संभावना है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों-नालों से दूर रहें और सुरक्षित स्थानों पर शरण लें।
जोड़ घाटी और किश्तवाड़ आपदा से प्रभावित लोगों ने राहत कार्य की गति पर सवाल उठाए हैं। एक स्थानीय निवासी ने आरोप लगाया कि जेसीबी मशीनें सिर्फ नेताओं के आने पर ही काम करती हैं, जबकि आम दिनों में वे बंद रहती हैं। लोगों का कहना है कि उन्हें राहत से ज्यादा अपने लापता परिजनों की तलाश की चिंता है।