Shivani Gupta
11 Dec 2025
रामबन। जम्मू-कश्मीर इन दिनों प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा है। रामबन, रियासी और कई अन्य जिलों में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं ने लोगों की जिंदगी को तहस-नहस कर दिया है। लगातार हो रही भारी बारिश ने हालात और भी बिगाड़ दिए हैं। तवी और ब्यास जैसी नदियां उफान पर हैं और जगह-जगह फ्लैश फ्लड की स्थिति बन रही है।
रामबन जिले के राजगढ़ इलाके में भारी बारिश और ऊपरी इलाकों में बादल फटने से अचानक फ्लैश फ्लड आ गया। इस हादसे में अब तक 3 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 4 लोग लापता बताए जा रहे हैं। प्रशासन और रेस्क्यू टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। कई मकानों को नुकसान हुआ है, जिनमें से कुछ पूरी तरह बह गए।
रियासी जिले के माहौर और बदर गांव में भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ। मलबे में दबने से अब तक 7 शव बरामद किए जा चुके हैं। कई और लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस, सेना और स्थानीय लोग मिलकर राहत-बचाव कार्य कर रहे हैं। इस हादसे में कई घर और एक स्कूल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।
लगातार खराब मौसम और लैंडस्लाइड्स के कारण कटरा से चलने वाली माता वैष्णो देवी यात्रा को रोकना पड़ा है। 26 अगस्त को त्रिकुटा पहाड़ियों के अधकुवरी क्षेत्र में हुए बड़े लैंडस्लाइड में 34 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इसके बाद से ही यात्रा स्थगित कर दी गई है।
अगस्त के महीने में जम्मू-कश्मीर में बारिश ने अभूतपूर्व तबाही मचाई। केवल पिछले हफ्ते में ही जम्मू, सांबा, कठुआ, रियासी और डोडा जिलों में 36 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। रियासी और डोडा में ही 9 लोगों की जान गई। कई गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है और लोग सुरक्षित जगहों की ओर पलायन कर रहे हैं।
14 अगस्त को किश्तवाड़ जिले के चिशोटी गांव में भीषण क्लाउडबर्स्ट हुआ था। समुद्र तल से 9,000 फीट की ऊंचाई पर बसे इस इलाके में अचानक तेज फ्लैश फ्लड आ गया, जिससे कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई। कई श्रद्धालुओं के कैंप और पुल बह गए। यह घटना दिखाती है कि कैसे सामान्य बारिश के बीच अचानक क्लाउडबर्स्ट तबाही ला सकता है।
26 अगस्त की रात बांदीपुरा जिले के गुरेज सेक्टर में भी बादल फटा। हालांकि, इसमें किसी की जान नहीं गई, लेकिन अचानक आई बारिश ने लोगों में दहशत फैला दी। सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोग अब सतर्क होकर सुरक्षित ठिकानों की तलाश में जुट गए हैं।
लगातार बारिश और बाढ़ के चलते जम्मू, कटरा और उधमपुर रेलवे स्टेशनों से आने-जाने वाली 44 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। जम्मू और कठुआ के बीच कई स्थानों पर रेल लाइन बह गई है, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। इससे पहले भी 40 ट्रेनें 29 अगस्त को रद्द की जा चुकी थीं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 31 अगस्त से जम्मू दौरे पर आ सकते हैं। वे दो दिनों तक यहां रहकर हालात की समीक्षा करेंगे। इस महीने बारिश और लैंडस्लाइड की घटनाओं में अब तक 110 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें ज्यादातर तीर्थयात्री शामिल हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, किसी छोटे क्षेत्र (20–30 वर्ग किलोमीटर) में एक घंटे में 10 सेंटीमीटर या उससे ज्यादा बारिश होने को क्लाउडबर्स्ट कहा जाता है। यह अक्सर पहाड़ी इलाकों में होता है और मिनटों में फ्लैश फ्लड, लैंडस्लाइड और मडफ्लो जैसी आपदाओं को जन्म देता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि क्लाइमेट चेंज के कारण इन घटनाओं की संख्या और तीव्रता बढ़ रही है।