न्यूयार्क। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र में पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला। उन्होंने पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद का केंद्र करार दिया और कहा कि पिछले कई दशकों से दुनिया में हुए बड़े आतंकवादी हमलों की जड़ें उसी देश से जुड़ी रही हैं। जयशंकर ने कहा कि भारत अपनी स्वतंत्रता के समय से ही इस चुनौती का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा, भारत ने स्वतंत्रता के बाद से एक ऐसे पड़ोसी के साथ जीवन व्यतीत किया है, जो वैश्विक आतंकवाद का केंद्र रहा है। दशकों से प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आतंकी हमलों की जड़ें उस एक ही देश से जुड़ी रही हैं। यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची ऐसे लोगों से भरी पड़ी है, जिनका संबंध इसी देश से है।
पहलगाम अटैक बर्बरता का ताजा उदाहरण
उन्होंने अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए निर्दोष पर्यटकों की हत्या को हालिया सीमा-पार बर्बरता का उदाहरण बताते हुए कहा कि भारत ने अपने नागरिकों की रक्षा के लिए उचित कार्रवाई की और इस जघन्य कृत्य के आयोजकों और अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद का मुकाबला करना सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए क्योंकि यह हिंसा, कट्टरता, असहिष्णुता और भय का मिश्रण है। उन्होंने कहा कि जब कोई देश खुलेआम आतंकवाद को राज्य नीति घोषित कर देता है, जब वहां बड़े पैमाने पर आतंकी ठिकाने संचालित होते हैं और आतंकवादियों को सार्वजनिक मंचों पर महिमामंडित किया जाता है, तो ऐसी गतिविधियों की निष्पक्ष और सख्त निंदा होनी चाहिए।
आतंक के वित्तीय स्रोतों को खत्म करना जरूरी
जयशंकर ने यह भी कहा कि आतंकवाद के वित्तीय स्रोतों को पूरी तरह से खत्म करना बेहद जरूरी है। उन्होंने आह्वान किया कि आतंकवादियों को खुलकर शरण देने वाले और उन्हें समर्थन देने वाले देशों पर निरंतर दबाव बनाया जाए, ताकि पूरे आतंकी तंत्र को नष्ट किया जा सके। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जो देश आतंकवाद को प्रोत्साहन देने वाले देशों का समर्थन करेंगे, उन्हें भविष्य में इसका खामियाजा खुद भुगतना पड़ेगा। अपने संबोधन में जयशंकर ने भारत को भारत कहकर संबोधित किया और कहा हमारे अधिकारों की रक्षा करना जरूरी है, लेकिन इसके साथ ही हमें अपने खतरों का सामना भी मजबूती से करना होगा। आतंकवाद का मुकाबला करना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।