अशोक गौतम, भोपाल। छिंदवाड़ा सहित आधा दर्जन सीटों पर लोकसभा चुनाव में मतदान 80 फीसदी तक बढ़ाने के लिए इन क्षेत्रों के कलेक्टरों ने अभी से एड़ी-चोटी का जोर लगाना शुरू कर दिया है। प्रदेश में वर्ष 2014 की तुलना में वर्ष 2019 में मतदान का प्रतिशत दस फीसदी तक बढ़ा था, लेकिन छिंदवाड़ा सहित 7 लोकसभा क्षेत्रों ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, खंडवा और इंदौर में 7 फीसदी से कम वोट प्रतिशत रहा।
प्रदेश में विदिशा एक मात्र ऐसा लोकसभा क्षेत्र है, जहां 2014 की तुलना में 2019 के चुनाव में एक फीसदी भी वोट का अंतर नहीं आया। इस लोकसभा क्षेत्र से वर्ष 2014 में भाजपा की वरिष्ठ नेत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने चुनाव जीता था, जबकि वर्ष 2019 में भाजपा से रमाकांत भार्गव सांसद चुने गए थे।
हर लोस क्षेत्र में 80 फीसदी से ज्यादा वोट का लक्ष्य मिला
चुनाव आयोग ने प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए 80 फीसदी से अधिक मतदान का टारगेट दिया है। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक बीस फीसदी वोटिंग प्रतिशत बढ़ा है। यानी वर्ष 2009 में मप्र में वोटिंग प्रतिशत 51 फीसदी था, जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में 71 फीसदी वोटिंग हुई है। खजुराहो और भोपाल लोकसभा सीटों पर तो रिकॉर्डतोड़ 16 फीसदी से ज्यादा वोटिंग बढ़ी है। वहीं टीकमगढ़ में भी16 फीसदी से अधिक वोटिंग बढ़ी है।
प्रदेश में हर चुनाव में दस फीसदी की बढ़ोत्तरी
मप्र में 3 लोकसभा चुनाव के वोटिंग ट्रेंड देखा जाए तो हर चुनाव में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है। 2009 में 51, वर्ष 2014 में 61 फीसदी वोटिंग हुई थी, जो 2019 मे बढ़कर 71 फीसदी पहुंची है। आयोग का प्रयास यह है कि इस वर्ष 85 फीसदी से अधिक मतदान हो। आयोग सबसे कम मतदान वाले क्षेत्रों में अभी से विशेष चुनाव अभियान चला रहा है। चुनावी रथ निकालने के साथ ही यहां के गणमान्य नागरिकों और समाजसेवियों का भी सहयोग लिया जा रहा है।
यहां लगातार बढ़ा वोट प्रतिशत
- दमोह, शहडोल, मंडला, बालाघाट, राजगढ़ और बैतूल में वर्ष 2014 के चुनाव से मतदान प्रतिशत लगातार दस फीसदी से ज्यादा बढ़ा है।
- गुना विधानसभा क्षेत्र में मतदान प्रतिशत दो फीसदी तक घटा है। जबकि लोकसभा चुनाव में वर्ष 2019 में 7 प्रतिशत तक बढ़ा।
- खरगोन में वर्ष 2009 और 2014 में वोटिंग प्रतिशत बराबर रहा है।
- विदिशा में वर्ष 2009 की तुलना में वर्ष 2014 में 23 फीसदी तक वोटिंग बढ़ी, जो सबसे ज्यादा वोटिंग रिकॉर्ड रहा है। उस लोकसभा चुनाव में 44.69 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।
विशेष अभियान चला रहे हैं
इस लोकसभा चुनाव में 75 फीसदी से अधिक वोटिंग बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है। जिन क्षेत्रों में कम वोटिंग हुई है वहां मतदाता जागरुकता के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों के साथ मिलकर तमाम तरह के सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को वोटिंग के लिए जागरूक किया जा रहा है। -बुद्धेश वैद्य, कलेक्टर, विदिशा
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