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नई दिल्ली। भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी राजनयिक हैसियत और यात्रा स्वतंत्रता के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। प्रतिष्ठित हेनले पासपोर्ट इंडेक्स की नवीनतम रिपोर्ट में भारत ने 77वां स्थान प्राप्त किया है, जो कि जनवरी 2025 में जारी हुई पिछली रैंकिंग की तुलना में 8 अंकों की छलांग है। इससे पहले भारत 85वें स्थान पर था।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स दुनिया के उन पासपोर्टों को रैंक करता है जो बिना वीजा के सबसे ज्यादा देशों में यात्रा करने की अनुमति प्रदान करते हैं। इस लिहाज से भारत की यह प्रगति कूटनीतिक और वैश्विक पहचान की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत मानी जा रही है।
भारत अब 59 देशों में वीजा-फ्री या वीजा-ऑन-अराइवल सुविधा प्राप्त कर चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव केवल भारत की विदेश नीति या द्विपक्षीय संबंधों के चलते नहीं, बल्कि उन परंपरागत ताकतवर देशों की गिरती स्थिति का भी परिणाम है, जो लंबे समय से शीर्ष पर बने हुए थे। अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों की वैश्विक नीतियों में आ रहे बदलाव के कारण उनकी रैंकिंग में गिरावट आई है, जिससे भारत और सऊदी अरब जैसे उभरते देशों को ऊपर आने का मौका मिला है।
हेनले एंड पार्टनर्स के सीईओ डॉ. जुएर्ग स्टीफन के अनुसार, अमेरिका और यूके की नीति में हाल के वर्षों में जो अंतर्मुखी रुख देखने को मिला है, उसका सीधा असर इन देशों के पासपोर्ट की ताकत पर पड़ा है। उन्होंने कहा कि अब अमेरिकी और ब्रिटिश नागरिक दुनिया भर में वैकल्पिक नागरिकता और निवास के विकल्प खोज रहे हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि उनके पासपोर्ट से मिलने वाली वीजा-मुक्त पहुंच में लगातार गिरावट आ रही है।
स्टीफन के अनुसार, यह रुझान इस ओर इशारा करता है कि राजनीतिक और कूटनीतिक दिशा में लिए गए निर्णय, एक देश के नागरिकों की यात्रा स्वतंत्रता पर कितना प्रभाव डाल सकते हैं। उन्होंने कहा, “अब पासपोर्ट केवल यात्रा दस्तावेज नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव का दर्पण बन चुका है।”
इस साल के हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में सिंगापुर फिर एक बार शीर्ष स्थान पर रहा है। सिंगापुर के नागरिक अब 193 देशों में वीजा-फ्री यात्रा कर सकते हैं। वहीं, दूसरी ओर, अफगानिस्तान लगातार सबसे निचले स्थान पर बना हुआ है, जहां केवल 25 देशों में ही बिना वीजा के प्रवेश की अनुमति है।
भारत के अलावा सऊदी अरब ने भी उल्लेखनीय प्रगति की है। उसने बीते छह महीनों में अपनी वीजा-मुक्त यात्रा सूची में चार नए गंतव्यों को जोड़ा है, जिससे उसकी रैंकिंग में तेजी से सुधार हुआ है।
इसके उलट, अमेरिका और ब्रिटेन की रैंकिंग में गिरावट दर्ज की गई है। ब्रिटेन एक पायदान फिसलकर छठे स्थान पर और अमेरिका दसवें स्थान पर आ गया है। हेनले की रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि अमेरिका पहली बार शीर्ष 10 से बाहर होने के कगार पर है।