आशीष शर्मा-ग्वालियर। इंदौर संभाग को छोड़कर प्रदेश के बाकी संभागों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रीय रूटों पर संचालित होने वाली बसों के नवीन परमिट, परमिट रिनुअल के मामलों पर सुनवाई नहीं हो रही है। चूंकि संभागीय उप परिवहन आयुक्त (डिप्टी टीसी) का पद खाली है, इसके कारण क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार (आरटीए) की बैठक पिछले छह महीने से नहीं हो रही है। बस ऑपरेटर परमिटों के आवेदनों पर सुनवाई नहीं होने पर परिवहन कार्यालय और मुख्यालय में चक्कर लगा रहे हैं, मगर विभाग के पीएस और आयुक्त स्थिति जानकर भी अंजान बने हैं।
क्षेत्रीय रूटों पर संचालित ऐसी बसें जिनके परमिट की वैधता खत्म हो गई है, मगर आरटीए की बैठक नहीं होने से उनके परमिट रिनुअल नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में बस ऑपरेटर अस्थायी परमिट लेकर काम चला रहे हैं। नए, पुराने परमिट के अलावा अंतरण व टाइमिंग के आवेदन पेंडिंग हैं।
ग्वालियर, चंबल, इंदौर, उज्जैन, भोपाल, नर्मदापुरम, सागर, रीवा, शहडोल और जबलपुर।
परिवहन विभाग में रिक्त पदों को लेकर शासन को प्रस्ताव भेजा गया है, डिप्टी टीसी ही नहीं कई पद खाली हैं। -उमेश जोगा, अपर परिवहन आयुक्त म.प्र.