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स्वास्थ्य केंद्र के लेखापाल को 45 हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने पकड़ा, इस काम के बदले स्वास्थ्य अधिकारी से मांगे थे रुपए

खरगोन। मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आए दिन अधिकारी-कर्चमारी रिश्वत लेते पकड़ा रहे हैं। वहीं अब ताजा मामला खरगोन जिले से सामने आया है। जहां इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेखापाल को 45 हजार की रिश्वत लेते ट्रैप किया है। लोकायुक्त द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।

क्या है पूरा मामला ?

लोकायुक्त इंदौर के डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल के अनुसार, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झिरनिया के लेखापाल आनंद कनेल के खिलाफ सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी निकेश कनाड़े ने लोकायुक्त पुलिस को शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि पत्नी का देहांत हो जाने के बाद से वह दो माह के अवकाश पर थे। इस वजह से दो माह के वेतन के भुगतान और अन्य स्वीकृत राशि को बीएमओ कार्यालय झिरनिया द्वारा रोक दिया गया था।

वेतन-भत्तों का कुल 1.33 लाख रुपए का भुगतान कराने के बदले लेखाकार ने सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी से कथित तौर पर 56 हजार रुपए रिश्वत मांगी थी। इसके बाद हुई सौदेबाजी में यह राशि 45000 रुपए तय हुई थी।

दुकान पर रिश्वत लेते दबोचा

डीएसपी ने बताया कि आरोपी ने आवेदक से उसका एटीएम कार्ड मांगा था, ताकि वह स्वयं रिश्वत की राशि निकाल ले, लेकिन आवेदक ने बहाने बनाते हुए एटीएम कार्ड एक्टिव नहीं होने की बात कही। इसके बाद आरोपी ने रिश्वत की राशि एक दुकान में देने को कहा। जैसे ही दुकान के नौकर ने रिश्वत की राशि ली, लोकायुक्त पुलिस ने उसे पकड़ लिया। घूसखोरी के मामले में लेखाकार के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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