ग्वालियर। मुरार इलाके में ट्रिपल मर्डर का पुलिस ने 72 घंटे के अंदर खुलासा कर दिया। घटना को अंजाम देने वाला कोई और नहीं, बल्कि साढू का बेटा ही निकला। आरोपी अपने दोस्त के साथ चोरी करने के लिए घर में घुसा था। घर में आहट होने पर सबसे पहले मौसी की नींद खुली तो उनकी चाकू से गोदकर हत्या कर दी। आवाज होने पर मौसा और ममेरी बहन जग गई। इस पर मौसा को गला घोंटकर मार डाला। फिर ममेरी बहन को डरा-धमकाकर 2 घंटे तक घर में रखे जेवरों के बारे में पूछा। अंत में ममेरे भाई के चेहरे से साफी हटने से पहचान उजागर हो गई। ऐसे में उसकी भी हत्या कर दी। पुलिस को आरोपियों तक पहुंचने में एक पड़ोसी के क्लू का सहारा मिला।
मामला अल्पना टॉकीज के पास का है। पुलिस ने दोनों आरोपी तरुण झा उर्फ घोड़ा और सचिन पाल को गिरफ्तार कर लिया है। उसने पुलिस को पूरी घटना के बारे में बताया। तरुण का कहना था कि जगदीश पाल के साढ़ू भाई के लड़के सचिन ने चोरी का प्लान बनाया था। सचिन ने कहा था कि मौसा के घर तगड़ा माल मिलेगा। इसके बाद शनिवार-रविवार दरमियानी रात घर में पीछे के रास्ते से घुसे थे।
मौसा और ममेरी बहन ने पहचान लिया था, इसलिए मार डाला
जब चोरी कर रहे थे तो सबसे पहले मौसी सरोज (55 साल) की नींद खुली। उन्होंने तरुण के बाल पकड़ लिए। यह देख सचिन ने मौसी पर ताबड़तोड़ चाकू मार दिए। इसके बाद तकिए से मुंह दबाकर मार डाला। आवाजें सुनकर मौसा जगदीश (60 साल) और ममेरी बहन कीर्ति (11 साल) की नींद खुल गई। मौसा की गला घोंटकर हत्या की।
कीर्ति को गन पॉइंट पर लेकर जेवरों के बारे में पूछा
इसके बाद रात 2 बजे से सुबह 4.30 बजे तक कीर्ति पर कट्टा अड़ाकर घर में रखे जेवरों के बारे में पूछते रहे। उसे मारने का प्लान नहीं था। मगर, जाते वक्त अचानक सचिन के चेहरे से साफी हट गई, जिससे कीर्ति ने पहचान लिया। ऐसे में उसे भी तकिया से मुंह दबाकर मार डाला। कीर्ति सरोज के भाई की बेटी थी। इसे पाल दंपती ने संतान नहीं होने पर गोद लिया था।
पड़ोसी के क्लू से आरोपियों तक पहुंची पुलिस
पुलिस का कहना था कि घटनास्थल के पास रहने वाले पड़ोसी ने बताया था कि जगदीश के घर के सामने ही उसका साढू रहता है। साढू तो दिख रहा है, लेकिन उसका बेटा सचिन अब तक नजर नहीं आया। इसके बाद पुलिस ने सचिन की तलाश शुरू की। पता लगा कि कुछ दिन से सचिन के पास गोहद निवासी मोनू और जनकगंज निवासी तरुण उर्फ घोड़ा का उठना-बैठना था।
संदेही घरों से गायब मिले तो पुलिस की शंका बढ़ी
पुलिस को पता चला कि घोड़ा पेशेवर चोर है। उसकी तलाश की तो वह घर से गायब मिला। इसके बाद पुलिस ने घेराबंदी की। बुधवार सुबह गिरवाई से तरुण उर्फ घोड़ा पुलिस के हाथ लग गया। उसके हिरासत में आते ही ट्रिपल मर्डर से पर्दा उठ गया।
तरुण के कब्जे से जेवर और नकदी बरामद
घोड़ा के कब्जे से पुलिस ने ढाई किलो चांदी, करीब 2 तोला सोना, कुछ नकदी बरामद की है। घोड़ा का कहना था कि वे किसी की हत्या नहीं करना चाहते थे। हमें नहीं पता था कि वे लोग जाग जाएंगे और हमें हत्या करनी पड़ेगी। हम तो चोरी के इरादे से अंदर गए थे। घर में 3 लाख का माल मिला है।