Mithilesh Yadav
7 Oct 2025
Mithilesh Yadav
7 Oct 2025
Shivani Gupta
7 Oct 2025
ग्वालियर। ग्वालियर पुलिस ने महज 48 घंटे में 32.63 लाख रुपए की लूट का पर्दाफाश कर दिया है। इसके लिए पुलिस ने 'स्विफ्ट-48' नामक विशेष सर्च ऑपरेशन की योजना बनाई, जिसमें 80 पुलिस कर्मियों और साइबर एक्सपर्ट्स की 20 से अधिक टीमों ने मिलकर सफलता हासिल की। इस ऑपरेशन में ग्वालियर, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के 14 शहरों में दबिश दी गई, जिसमें चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। घटना में शामिल मुख्य मास्टरमाइंड को भी पकड़ लिया गया है, जबकि तीन आरोपी अभी फरार हैं।
6 अगस्त 2025 को ग्वालियर में एक बड़ी लूट की घटना हुई। आशाराम कुशवाह नामक मुनीम, जो शराब कारोबारी लक्ष्मण शिवहरे के यहां काम करता था, रोजाना यूनियन बैंक में शराब दुकानों का कलेक्शन जमा करने जाता था। उस दिन जब वह शराब का कलेक्शन लेकर स्कूटी से बैंक जा रहा था, तो तीन बदमाशों ने उस पर कट्टा अड़ा कर बैग छीन लिया और फरार हो गए। इस बैग में 32.63 लाख रुपये की नकदी थी। घटना के बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए नाकाबंदी की, लेकिन बदमाशों का कोई पता नहीं चला।
घटना के मात्र 30 मिनट बाद एसएसपी ग्वालियर धर्मवीर सिंह और उनकी टीम मौके पर पहुंची। वहीं, एसएसपी के निर्देश पर पुलिस ने युद्धस्तर पर लूट के आरोपियों की तलाश शुरू की। महज 30 मिनट में पुलिस को पहला सीसीटीवी फुटेज मिल गया, जिसमें तीन बदमाश दिखे। एक अपाचे बाइक पर सवार था, जबकि दो ई-रिक्शा में सवार होकर सामान्य नागरिक की तरह पहुंचे थे।
घटना के बाद मध्यप्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी ने 48 घंटे के भीतर लूट का खुलासा करने के निर्देश दिए। इसके बाद ग्वालियर में 'स्विफ्ट-48' ऑपरेशन शुरू किया गया, जिसमें पुलिस के 80 अफसरों और जवानों की 20 टीमों ने सर्च ऑपरेशन में भाग लिया। ऑपरेशन का नाम 'स्विफ्ट-48' रखा गया, जिसका मतलब था— जल्द से जल्द, यानी 48 घंटे के भीतर कार्रवाई करना।
पुलिस ने 8 अगस्त को विभिन्न स्थानों पर दबिश दी, जिनमें मुरैना सहित 14 से ज्यादा शहरों में पुलिस टीमें भेजी गईं। इन दबिशों के दौरान चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें विजय गुर्जर, दीपू उर्फ दीपक कुशवाह, शिवम कुशवाह और राहुल गुर्जर शामिल थे। इनमें से शिवम कुशवाह पूर्व में शराब कारोबारी के गोल पहाड़िया स्थित दुकान का मैनेजर था और लूट की योजना में शामिल था। उसने अपने रिश्तेदारों को लूट की जानकारी दी थी, जिसके बाद वारदात को अंजाम दिया गया।
पुलिस जांच में यह सामने आया कि शराब कारोबारी का पुराना मैनेजर शिवम कुशवाह इस लूट का मुख्य मास्टरमाइंड था। वह जानता था कि कलेक्शन के पैसे रोजाना बैंक में जमा किए जाते हैं और मुनीम पर हमला करना आसान होगा। शिवम ने अपने रिश्तेदार दीपू कुशवाह और अन्य गैंग मेंबरों के साथ मिलकर इस लूट की योजना बनाई।
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से 20 लाख रुपये भी बरामद किए हैं, जबकि बाकी रकम की तलाश जारी है। हालांकि, अभी तक मुख्य आरोपी विकास गुर्जर और उसके दो साथियों अजय गुर्जर और ध्रुव गुर्जर की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। पुलिस की टीमें इन फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हैं और जल्द ही इन्हें पकड़ने का दावा किया गया है।