vikrant gupta
8 Oct 2025
गुना। मंगलवार सुबह से जिलेभर में मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। तेज़ बारिश की स्थिति इतनी विकराल हो चुकी है कि एक पल के लिए भी बरसात नहीं थमी। दोपहर तक लगातार बारिश होती रही, जिससे गुना जिला मुख्यालय सहित बमोरी, चांचौड़ा, मृगवास, म्याना, रूठियाई समेत कई इलाकों की निचली बस्तियां जलमग्न हो गईं। सबसे अधिक नुकसान फतेहगढ़, पाड़ोन, झागर और एनएफएल मार्ग पर हुआ है, जहां पुल टूटने से आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है।
बीती रात से हो रही लगातार मूसलाधार बारिश के चलते बमोरी क्षेत्र की कुडका नदी पर बना पुराना पुल मंगलवार सुबह टूट गया। यह पुल फतेहगढ़ को पाड़ोन से जोड़ता था, जो अब पूरी तरह बह चुका है। पुल के बीच का हिस्सा ढह जाने से दोनों गांवों के बीच सीधा संपर्क कट गया है। फतेहगढ़ से पाड़ोन जाने के लिए अब 45 किलोमीटर लंबा वैकल्पिक मार्ग तय करना पड़ रहा है।
गुना से फतेहगढ़ और राजस्थान की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर झागर और भौंरा नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। झागर पुल के ऊपर से पानी बह रहा है और कुछ दूरी पर भौंरा नदी भी पूरे उफान पर है। प्रशासन ने दोनों जगहों पर बैरिकेड लगाकर मार्ग बंद कर दिया है। इससे न केवल ग्रामीणों को, बल्कि आवश्यक सेवाओं को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जिले के विजयपुर स्थित नेशनल फर्टिलाइज़र लिमिटेड (एनएफएल) प्लांट तक पहुंचने वाली सड़क पर स्थित चौपेट नदी का पुल भी तेज़ बारिश की भेंट चढ़ गया। पुल टूटने से अब कर्मचारियों और आसपास के रहवासियों को प्लांट तक पहुंचने में लगभग 15 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है।
मृगवास क्षेत्र के एक स्कूल में अचानक पानी भर गया। जलभराव इतना अधिक था कि कक्षा में बैठे छात्र फंस गए। तत्काल सूचना पर एसडीईआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और करीब तीन फीट पानी में से छात्रों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। वहीं, चांचौड़ा स्थित प्रसिद्ध खाटू श्याम मंदिर परिसर में भी बारिश का पानी भर गया, जिससे मंदिर की प्रतिमा तक जलमग्न हो गई।
म्याना क्षेत्र की निचली बस्तियों में घरों में पानी घुसने लगा है। यहां तक कि विद्युत सबस्टेशन परिसर में भी पानी भर गया है। पानी में डूबने से कई उपकरण खराब हो गए हैं, जिससे क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बाधित हो सकती है।
जिले में बिगड़ते हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाओं (कक्षा 1 से 8 तक) में मंगलवार को अवकाश घोषित कर दिया था। स्कूलों में पानी भरने और आवागमन बाधित होने के चलते यह निर्णय लिया गया।
जिला प्रशासन की टीमों ने नदियों के किनारे और पुलों पर निगरानी बढ़ा दी है। जहां भी खतरे की स्थिति है, वहां तत्काल बैरिकेडिंग की जा रही है। प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे उफनती नदियों या क्षतिग्रस्त पुलों से दूर रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। फिलहाल जिले में बारिश का दौर लगातार जारी है और मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटे में और अधिक वर्षा की संभावना जताई है।
(इनपुट- राजकुमार रजक)