Shivani Gupta
18 Sep 2025
प्रीति जैन- जून का दूसरा हफ्ता लगते ही सभी को प्री-मानसून का इंतजार रहता है। फेसबुक और इंस्टाग्राम पर ट्रैकर्स के वीडियो देखकर उन जगहों पर जाने के लिए मन लालायित होने लगता है। बस यहीं से चिंता की बात शुरू हो जाती है। ट्रैकिंग एक्सपर्ट्स का कहना है कि वीडियो में सीधे स्पॉट का नजारा दिखता है लेकिन वो जगह कितनी दुर्गम है यह पता नहीं चलता, इसलिए जब भी प्री-मानसून ट्रैकिंग पर जाएं अपने साथ गाइड या लोकल व्यक्ति को साथ लेकर जरूर जाएं तो चप्पे-चप्पे से वाकिफ हो। भोपाल के आसपास ट्रैकिंग व वॉटरफॉल के करीब जाने के लिए इंक्वायरी आने लगीं हैं तो जानिए भोपाल के आसपास तो कुछ दूर के वॉटरफॉल के बारे में।
ग्रीन एडवेंचर ग्रुप के संजय मधुप बताते हैं कि भोपाल से 65 किमी दूरी पर अमरगढ़ वॉटरफॉल सबसे ज्यादा पापुलर है लेकिन उतना ही खतरनाक भी। यहां पहुंचने के बाद तीन किमी पहले गाड़ी छोड़कर जंगल में पैदल ट्रैक करते हुए जाना होता है। ट्रैकिंग ग्रुप के साथ जाने पर फ्रंट लीडर और रेयर लीडर होते हैं जो डायरेक्शन व सहयोग देते हैं। स्थानीय गांव के दो लोग भी साथ होते हैं ताकि सुरक्षित ढंग से पहुंचा जा सके। यह पर्यटन स्थल चारों तरफ घने जंगलों से घिरा है। हर साल यहां हजारों लोग पहुंचते हैं।
नरसिंहगढ़ ट्रैक : भोपाल से 100 किमी दूर नरसिंहगढ़ में मानसून के दौरान सहस्त्रधारा वॉटरफॉल देखने के मिलता है। साथ में पशुपतिनाथ जल मंदिर और नरसिंहगढ़ का किला भी देख सकते हैं। सुबह 6.30 बजे निकल रात 8 बजे तक लौट सकते हैं।
सागर, भीमकुंड ट्रैक : भोपाल से 230 किमी की दूरी पर सागर के पास भी ट्रैकिंग शुरू हो रही है। यहां भीमकुंड के पास बहुत साफ पानी मिलता है। साथ ही खोगरा वॉटरफॉल जो कि यहां से 15 किमी की दूरी पर है। इसके अलावा जटाशंकर धाम भी लेकर जाया जाता है।
राजधानी से 100 किलोमीटर की दूरी पर शाहगंज के पास मौजूद यह जगह ट्रैकिंग के लिए अच्छा ऑप्शन है क्योंकि आप यहां वॉटरफॉल का भी मजा ले सकते हैं। इसके अलावा बर्ड वॉचिंग और मंदिर के पास छोटे पत्थर पर टिका बड़ा पत्थर लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। आप यहां फोटो खिंचवा सकते हैं। दिगंबर झरना 100 फीट की ऊंचाई से गिरता है। लोग कहते हैं कि यह स्थान मसूरी के कैम्पटी फाल की तरह दिखाई देता है।
ट्रैकिंग के दौरान बैग, रेन कोट, वॉटर बोतल, हंटर ट्रैकिंग शूज रखने की सलाह दी जाती है। सभी पार्टिसिपेंट्स को साथ में चॉकलेट बार रखने को कहा जाता है कि कभी कहीं फंस जाएं तो कैलोरी इंटेक कम न हो। साथ ही सेल्फी व वीडियो पर फोकस करने की बजाए सेफ्टी पर फोकस करने को कहा जाता है। - अभिषेक शर्मा, डेविल्स एडवेंचर