भोपालमध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूल में पढ़ाई जाएगी गीता और रामायण, शिवराज बोले – राम के बिना भारत की कोई पहचान नहीं

भोपाल। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर भोपाल के ओल्ड कैम्पियन ग्राउंड पर ‘सुघोष दर्शन’ कार्यक्रम हुआ। इसमें प्रदेश के 75 सरस्वती शिशु मंदिरों के 1,500 छात्र-छात्राओं ने घोष वादन किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj singh chouhan) ने कहा कि मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब गीता और रामायण भी पढ़ाई जाएगी। हम सरकारी स्कूलों में हमारे धर्म ग्रंथों की शिक्षा देंगे। गीता का सार, रामायण, रामसेतु और महाभारत के प्रसंग पढ़ाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे लोग, जो महापुरुषों का अपमान करते हैं, उन्हें सहन नहीं किया जाएगा।

राम हमारे रोम-रोम में बसे

सीएम ने कहा- आज भी देश में ऐसे लोग हैं, जिनको हमारी संस्कृति, आध्यात्म और धर्म की आलोचना करने पर ही आनंद आता है। उन्हें इस देश की संस्कृति नहीं मालूम। क्या राम के बिना हमारे देश को पहचाना जा सकता है। राम आज भी हमारे रोम-रोम में बसे हैं। आज भी लोग गांव में मिलते हैं तो कहते हैं – राम-राम। बीमार होते हैं तो या तो मां याद आती हैं या मुंह से हे-राम निकलता है। और अंतिम यात्रा में भी राम नाम सत्य है… बोलते हैं। हमारे रामायण, श्रीमदभगवत गीता, उपनिषद हो ये अमूल्य ग्रंथ हैं। इन ग्रंथों में मनुष्य को नैतिक बनाने की और संपूर्ण बनाने की क्षमता है। इसलिए इन धर्म ग्रंथों को शासकीय विद्यालय में भी इन ग्रंथों की शिक्षा देंगे।

ग्रंथों से सिखाएंगे नैतिक शिक्षा

सीएम शिवराज ने कहा – मध्यप्रदेश में धार्मिक ग्रंथों की शिक्षा देकर हम बच्चों को नैतिक शिक्षा देंगे। इस काम में विद्या भारती ने जो योगदान दिया है, इसके लिए मैं उन्हें प्रणाम करता हूं। उन्होंने कहा- शिक्षा के तीन उद्देश्य होते हैं। ज्ञान देना, कौशल देना और नागरिकता के संस्कार देना। विद्या भारती प्रारंभ से ही इन तीनों उद्देश्यों को पूरा कर रही है। भारत अत्यंत प्राचीन और महान राष्ट्र है। ये वो देश है, जहां तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालयों में दुनियाभर से लोग ज्ञान प्राप्त करने आते थे। इसी परंपरा को विद्या भारती आगे बढ़ा रही है। हम व्यवहारिक और बेहतर शिक्षा देने के लिए काम कर रहे हैं। आजादी के बाद अंग्रेज तो चले गए, लेकिन हम पर अंग्रेजी लाद दी गई। स्कूलों में कहा जाने लगा कि अंग्रेजी पढ़ाओ, नहीं तो कुछ नहीं हो सकता है।

कविता पढ़कर नेताजी को किया याद

शिवराज ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापति कर प्रधानमंत्री मोदी जी ने उनका ऋण उतारने का प्रयास किया है। सीएम ने कविता पढ़कर कहा- पूजे न गए शहीद तो फिर ये मंत्र कौन अपनाएगा, तोपों के मुंह से कौन अकड़ छाती अपनी अड़ाएगा। चूमेगा फंदे कौन गोलियां कौन वक्ष पे खाएगा। अपने हाथों, अपने मस्तक फिर आगे कौन बढ़ाएगा। पूजे न गए ये वीर तो ये बीज कहां से आएगा। धरती को मां कहकर माटी माथे से कौन लगाएगा।

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