ताजा खबरभोपाल

‘पते’ की बात… 5 उम्मीदवार ऐसे, जिन्हें उनके और परिवार के भी नहीं मिलेंगे वोट

वजह: ये दूसरी लोस के वोटर, नामांकन के दिन तक नहीं बदलवाया पता

 मनीष दीक्षित/भोपाल। लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह समेत मप्र के पांच ऐसे नेता हैं, जो चुनाव में अपने लिए वोट तो मांग रहे हैं, लेकिन न तो इनके परिवार और न ये खुद को अपना वोट दे सकेंगे। दरअसल, ये नेता जिन लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं, वहां के वोटर ही नहीं हैं। यही नहीं, इन नेताओं ने चुनाव आयोग की उस सुविधा का लाभ भी नहीं उठाया, जिससे इनका नाम उसी लोकसभा क्षेत्र में जुड़ जाता, जहां से ये चुनाव लड़ रहे हैं। इसे विडंबना कहें या कुछ और कि भरी गर्मी के बीच पिछले कई दिनों से रोजाना 12 से 14 घंटे चुनाव मैदान में उतरकर अपने हक में लोगों को वोट डालने की गुहार करने वाले प्रदेश के ये दिग्गज उम्मीदवार खुद को ही वोट नहीं दे सकेंगे। भिंड से कांग्रेस उम्मीदवार फूल सिंह बरैया और सागर लोकसभा से कांग्रेस के उम्मीदवार गुड्डू राजा बुंदेला भी इसी श्रेणी में आते हैं। इससे पहले 19 अप्रैल को हुए पहले चरण के चुनावों में सभी उम्मीदवार ऐसे थे, जो उसी क्षेत्र के वोटर थे, जहां से चुनाव लड़े। लेकिन, इन दिग्गजों के मामले में ऐसा नहीं है।

दिग्विजय भोपाल से लड़े तब राजगढ़ के वोटर थे, इस बार भोपाल के

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ अजब संयोग हुआ। 2019 के लोकसभा चुनाव में वे भोपाल से उम्मीदवार थे। तब वे राजगढ़ मतदाता थे। बाद में वे राज्यसभा सांसद बने तब अपना पता बदलकर भोपाल के वोटर हो गए। विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपना वोट भोपाल में ही डाला था। चूंकि उनका टिकट भी देरी से घोषित हुआ, शायद इसीलिए वे खुद को राजगढ़ लोकसभा का वोटर नहीं करवा सके।

क्या है नाम जुड़वाने का नियम

पिछले वर्ष कुछ संशोधनों के बाद अब वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने या पता बदलवाने के चार मौके मिलते हैं। उम्मीदवार नामांकन दाखिल करने वाले दिन तक स्थान परिवर्तन के लिए आवेदन कर सकता है।

प्रक्रिया सरल है, लाभ लेना चाहिए

आजकल यह प्रक्रिया बहुत आसान है। यदि कोई उम्मीदवार चाहे तो नॉमिनेशन के दिन तक एक स्थान से नाम कटवा कर वहां की वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वा सकता है, जहां से वह चुनाव लड़ रहा है। इसकी एक ही शर्त है की वह उम्मीदवार छह महीनों से उस स्थान पर रह रहे हों, जहां उनका नाम जोड़ा जाना है। – ओपी रावत, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त

संबंधित खबरें...

Back to top button