Naresh Bhagoria
3 Dec 2025
राजीव सोनी, भोपाल। दुनिया की सबसे भीषणतम त्रासदी 'भोपाल गैस कांड' के दौरान (दिसंबर 1984) राजधानी में पुलिस अधीक्षक रहे स्वराज पुरी ने हजारों लोगों को अपनी आंखों के सामने जहरीली गैस से दम तोड़ते देखा। अस्पतालों में लाशों के जो दृश्य 41 साल पहले देखे थे वे उन्हें आज भी विचलित करते हैं। यूनियन कार्बाइड के तत्कालीन अध्यक्ष वारेन एंडरसन को अपनी एम्बेसडर में बिठाकर विमान तक छोड़ने जाने वाले वीडियो क्लिप को लेकर पुरी ने पहली बार पीपुल्स समाचार के साथ चर्चा में नया खुलासा किया है। प्रस्तुत है चर्चा के मुख्य अंश....
एम्बेसडर कार ड्राइव करते हुए एंडरसन को हवाई अड्डे लेकर जाने वाले आपके वायरल वीडियो पर क्या कहेंगे?
हां, कार मैं ही चला रहा हूं, तत्कालीन कलेक्टर भी साथ बैठे हैं। हर साल 3 दिसंबर को वह विजुअल सुर्खियों में रहता है।
वीडियो में जो दिख रहा है उसकी सच्चाई क्या है?
सच्चाई थोड़ा अलग है। 7 दिसंबर 1984 को भोपाल आए एंडरसन को हवाई अड्डे से हम अपनी कार से लेकर आए। यह वीडियो उस वक्त का है। जब वह वापस गया, तब का नहीं.. लेकिन प्रचारित यही हुआ कि ‘वीडियो’ भोपाल से भागते समय का है। हमने भी ‘करेक्ट’ नहीं किया। आप गौर से देखेंगे तो बैक ग्राउंड में इंडियन एयर लाइंस का डेकोटा जहाज दिखेगा। जिससे एंडरसन मुंबई से भोपाल आया था। वापसी में उसे स्टेट प्लेन से दिल्ली भेजा गया था।
हादसे से क्या सबक लेना चाहिए?
-ऐसे प्लांट आबादी क्षेत्रों से दूर होना चाहिए। यूका फैक्टरी जब बनी होगी तो संभवत: बस्ती से बाहर हो। लेकिन बाद में आबादी बस गई और इतनी जनहानि हो गई।