शनिवार रात 1 बजे के आसपास अस्पताल के आईसीयू-3 में मरीज डॉली बाई का इलाज चल रहा था, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस घटना से गुस्साए मरीज के परिजनों और आसपास मौजूद लोगों ने अस्पताल में तैनात डॉक्टरों पर हमला कर दिया। कुछ देर बाद हथियारों से लैस लोग भी मौके पर पहुंचे और डॉक्टरों से मारपीट की। इस दौरान आईसीयू में 10 से ज्यादा डॉक्टर मौजूद थे। हमलावरों ने डॉक्टरों को घायल कर दिया और अस्पताल परिसर में दहशत का माहौल पैदा कर दिया।
इस हमले के बाद गांधी मेडिकल कॉलेज के प्रभारी डीन आर.पी. कौशल ने बताया कि घटना के बाद पुलिस को तुरंत सूचना दी गई। उन्होंने कहा, "हमने कोहफिजा पुलिस से इस घटना की शिकायत की है और वीडियो के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है।" हालांकि डॉक्टरों की चोटें गंभीर नहीं हैं, लेकिन घटना ने पूरे अस्पताल परिसर में डर का माहौल बना दिया है।
ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों ने इस घटना के बाद CMO को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने घटना की गंभीरता को बताते हुए सुरक्षा की मांग की। डॉक्टरों ने कहा कि हमलावरों के पास हथियार थे और उनकी हिंसक हरकत से अस्पताल में खौफ का माहौल बन गया।
डॉक्टरों के संघ, जूडा के अध्यक्ष डॉ. कुलदीप गुप्ता ने इस घटना को निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी महिला डॉक्टर की कार में तोड़फोड़ हुई थी और अस्पताल परिसर में रात में संदिग्ध लोग देखे जाते हैं। उन्होंने कहा कि हम बार-बार प्रशासन को सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं।
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