Aakash Waghmare
19 Nov 2025
Garima Vishwakarma
19 Nov 2025
Aakash Waghmare
19 Nov 2025
Mithilesh Yadav
19 Nov 2025
राजस्थान में सरकारी अस्पतालों से मिलने वाली खांसी की दवा बच्चों की जान पर भारी पड़ गई है। सीकर में 5 साल के बच्चे की मौत हो गई, जबकि जयपुर में 2 साल की बच्ची जिंदगी और मौत से जूझ रही है। भरतपुर और सीकर में भी इसी तरह के मामले सामने आए हैं। आरोप है कि dextromethorphan hydrobromide syrup पीने के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस सिरप के 19 नंबर बैच की सप्लाई पूरे राज्य में रोक दी है।
जयपुर के दूदू की रहने वाली 2 साल की यश्वी अपने मामा के घर सांगानेर में रह रही थी। 27 सितंबर को उसकी तबीयत खराब हुई तो सरकारी डिस्पेंसरी से खांसी और बुखार की दवा दी गई। खांसी का सिरप पिलाने के बाद बच्ची बेसुध हो गई। कई घंटे तक होश नहीं आने पर उसे जयपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में ICU में भर्ती कराना पड़ा।
भरतपुर के कलासड़ा गांव में भी इसी सिरप से एक बच्चे की हालत बिगड़ गई। परिजनों की शिकायत पर दवा की जांच करने गए डॉक्टर और ड्राइवर की तबीयत भी खराब हो गई। डॉक्टर को जयपुर के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
सीकर जिले के श्रीमाधोपुर क्षेत्र के हाथीदेह गांव में भी दो बच्चों की हालत सिरप पीने के बाद बिगड़ी। दोनों को जेके लोन हॉस्पिटल में ICU में भर्ती कराया गया था। हालत सुधरने के बाद 28 सितंबर को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।
यह खांसी की दवा जयपुर की कायसन फार्मा कंपनी बनाती है। कंपनी का रिकॉर्ड पहले भी सवालों में रहा है। अक्टूबर 2023 में कंपनी के एक बैच को नॉट ऑफ स्टैंडर्ड घोषित किया गया था।
लगातार मामले सामने आने के बाद राजस्थान मेडिकल सर्विसेज़ कॉर्पोरेशन लिमिटेड (RMSCL) ने इस सिरप के सभी बैच पर रोक लगा दी है। आरएमएससीएल के निदेशक जयसिंह ने बताया कि दो बैच की जांच हो रही है और 19 बैच को रोक दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा कि दवा के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं और रिपोर्ट आने के बाद कड़ी कार्रवाई होगी।