Hemant Nagle
18 Sep 2025
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Shivani Gupta
17 Sep 2025
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अनूपपुर। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय जिला अनूपपुर में दवाओं एवं उपकरणों के क्रय मामले में करोड़ों का भ्रष्टाचार सामने आया था। दवा और उपकरण सप्लाई में भ्रष्टाचार के आरोपी जीतेन्द्र तिवारी एवं शैलेन्द्र तिवारी निवासी गौतम नगर, गोविन्दपुरा भोपाल को गिरफ्तार किया गया। प्रकरण के आरोपीगण जीतेन्द्र तिवारी एवं शैलेन्द्र तिवारी निवासी गौतम नगर, गोविन्दपुरा भोपाल को विदेश यात्रा से वापस आते समय इन्दिरा गांधी एयरपोर्ट नई दिल्ली में सुरक्षा में तैनात कन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल द्वारा हिरासत में लिया गया।
इसके बाद आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की एक टीम इन्दिरा गांधी एयरपोर्ट नई दिल्ली पहुंचकर 7 जून 2024 को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर 7 जून को रीवा लाया गया। प्रकरण में गिरफ्तार दोनों आरोपियों को शनिवार को विशेष न्यायालय पीसी एक्ट अनूपपुर में पेश किया गया। न्यायालय ने दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया है।
दरअसल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय जिला अनूपपुर में वर्ष 2019-20 में दवाओं एवं उपकरणों के क्रय के लिए निविदा आमंत्रित की थी। इसमें उक्त कार्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा दवा कम्पनियों के साथ मिलकर निविदा की फायनेंशियल बिड के मूल प्रारूप में षड्यंत्रपूर्वक तकनीकी हेराफेरी कर अपनी चहेती दवा कंपनियों की फर्जी फायनेंशियल बिड स्वीकार कर करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार किए। इसके संबंध में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में शिकायत प्राप्त होने पर मामला दर्ज कर इसकी पड़ताल की गई।
मामले की पूरी जांच के बाद डॉ. बीडी सोनवानी तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला अनूपपुर, क्रय समिति के अध्यक्ष तत्कालीन अपर कलेक्टर अनूपपुर, जिला अनूपपुर में पदस्थ क्रय समिति के सदस्य डॉक्टर, दवा एवं उपकरण सप्लाई करने वाली फर्म एवं इससे संबंधित अन्य लोगों के विरुद्ध थाना ईओडब्ल्यू भोपाल में 27 मार्च 2024 को धारा 420, 409, 120बी भादवि एवं 13 (1) ए. 13(2) भ्रनिअ 1988 के अंतर्गत अपराध कमांक 11/24 पंजीबद्ध कर मामले को जांच में लिया गया था।
प्रकरण के आरोपियों के द्वारा सामग्री एवं उपकरण खरीद कर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय अनूपपुर को सप्लाई की गई थी। इस खरीदारी से संबंधित इनवाइस बिल एवं प्रकरण से संबंधित अन्य आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए दवा एवं उपकरण आपूर्ति कर्ता फर्मों को नोटिस जारी किए गए थे। लेकिन उनके द्वारा उपरोक्त दस्तावेज एवं साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराए गए। इन आरोपियों के द्वारा प्रकरण की विवेचना के दौरान संबंधित दस्तावेज/साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराने, जांच में सहयोग नहीं करने, आरोपियों के पासपोर्ट धारक होने और अक्सर विदेश यात्राएं करने के चलते देश से बाहर फरार होने की आशंकाओं को देखते हुए 30 मई 2024 को इनके विरुद्ध लुक आउट नोटिस जारी किया गया था ।