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गुना में दूषित पानी से फैला हैजा! दो की मौत, 25 से अधिक ग्रामीण बीमार, गांव पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम

गुना। जिले के बमोरी क्षेत्र की महाल कॉलोनी में गुरुवार शाम को हैजा जैसे लक्षणों का अचानक तेजी से फैलना ग्रामीणों के लिए बड़ा संकट बन गया। उल्टी-दस्त और बुखार की शिकायत के साथ महिलाओं, बच्चों समेत दर्जनों लोग बीमार हो गए। इनमें से कई को गंभीर हालत में जिला अस्पताल और निजी अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा। इस बीच उर्मिला बाई और रामप्यारी सहरिया दो महिलाओं की मौत की पुष्टि हुई है, वहीं एक अन्य बुजुर्ग की मौत भी कुछ दिन पहले हो चुकी है।

स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची गांव

गांव में अचानक बड़ी संख्या में लोगों के बीमार होने के बाद प्रशासन हरकत में आया। स्वास्थ्य विभाग की टीम को तत्काल गांव भेजा गया, जहां उन्होंने पानी के स्रोतों की जांच शुरू की और सैंपल भी लिए। शुरुआती अनुमान में बीमारी का कारण दूषित पेयजल को माना जा रहा है। बड़ी बात है कि स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों ने किसी भी मौत से साफ इंकार कर दिया। जो मौतें हुई हैं उन्हें उन्होंने सामान्य मौतें बताई।

गांव में गंदा पानी बना बीमारी की वजह

ग्रामीणों ने बताया कि कॉलोनी में बीते 5-6 दिनों से पानी की सप्लाई बेहद गंदा आ रहा था। सरकारी टंकी से सप्लाई हो रहे इस पानी को लेकर कई बार शिकायत की गई, लेकिन प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। जैसे-जैसे बीमारी फैलती गई, लोगों को अस्पताल पहुंचाना पड़ा।

ग्रामीणों को उबला पानी पीने की दी सलाह

गांव में स्वास्थ्य अमले की मौजूदगी से फिलहाल लोगों में कुछ राहत जरूर है, लेकिन भय का माहौल अभी भी बना हुआ है। प्रशासन ने पेयजल के वैकल्पिक इंतजाम के साथ-साथ स्वच्छता अभियान शुरू करने की बात कही है। फिलहाल सभी ग्रामीणों को उबला हुआ पानी पीने की सलाह दी गई है और मेडिकल टीम लगातार निगरानी में जुटी हुई है।

पीड़ितों का दर्द : घर का पानी ही जहरीला निकला

इस बारे में जिला अस्पताल में राहुल राठौर ने बताया कि कल रात से उल्टी दस्त लग रहे हैं। पिछले कई दिनों से गंदा और दूषित पानी आ रहा था। यह पानी सरकारी टंकी से आता है। चार-पांच दिन से गांव में लोग बीमार हो रहे हैं। मेरे परिवार की उर्मिला बाई का निधन हो गया है। वहीं पठार बस्ती में भी एक की मौत की बात सामने आई है। मौत के बाद हम लोग अस्पताल में आए हैं। अभी तक स्वास्थ्य विभाग की कोई टीम नहीं पहुंची है।

वहीं अस्पताल में भर्ती विनोद सहरिया ने बताया- कल तक सब ठीक था। शाम को अचानक उल्टी-दस्त शुरू हो गई। कुछ भी गलत नहीं खाया था। घर का पानी ही पीया था, जो टंकी से आता है। वही दूषित था।

गौरव जाटव ने कहा- सारा गांव टंकी से पानी पीता है। दर्जनों लोग हैजा से संक्रमित हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। प्रशासन की लापरवाही के चलते दो जानें चली गईं।

– अब गांव में सामान्य स्थिति है। सूचना मिलते ही हमारी टीम गांव में पहुंची है और उपचार कर रही है। इसमें कोई भी जनहानि नहीं हुई है। जो मौतें हुई हैं वह सामान्य मौतें हैं।

-आरआर माथुर, प्रभारी सीएमएचओ

(इनपुट – राजकुमार रजक)

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