Naresh Bhagoria
23 Nov 2025
रायपुर। देशभर में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ (MMC जोन) के नक्सलियों ने तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र भेजकर सामूहिक आत्मसमर्पण (Mass Surrender) की इच्छा जताई है। नक्सलियों का कहना है कि बदलते हालात को देखते हुए वे हथियार छोड़कर सरकार की पुनर्वास योजना स्वीकार करना चाहते हैं।
बता दें कि, नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि उन्हें आपस में बातचीत और अंतिम निर्णय लेने के लिए 15 फरवरी 2026 तक का समय दिया जाए। इस दौरान उन्होंने सुरक्षा बलों से ऑपरेशन रोकने और दबाव न बनाने की अपील की है। नक्सलियों ने कहा कि उनकी कोशिश है कि MMC जोन के सभी साथी-एक साथ सामूहिक रूप से सरेंडर करें।
पत्र में नक्सलियों ने भरोसा दिलाया है कि वे इस बार अपना PLGA सप्ताह नहीं मनाएंगे। साथ ही सुरक्षा एजेंसियों से भी इस अवधि में वार्षिक ऑपरेशन रोकने का अनुरोध किया है। नक्सलियों के मुताबिक, संगठन जनवादी केंद्रीयता की प्रक्रिया से चलता है। इसलिए सभी साथियों तक संदेश पहुंचाने और राय बनाने में समय लगेगा।
नक्सलियों ने कहा कि वे सरकार की प्रतिक्रिया मिलने के बाद एक और पत्र जारी कर सरेंडर की अंतिम तारीख घोषित करेंगे। अगर यह सामूहिक आत्मसमर्पण होता है तो यह नक्सलवाद के खिलाफ अभियान की सबसे बड़ी सफलता मानी जाएगी।वहीं, यह डेडलाइन केंद्र सरकार की 31 मार्च 2026 तक नक्सल-मुक्त भारत की समयसीमा के भीतर भी है।
पहले जारी पत्र में नक्सलियों ने हिड़मा की एनकाउंटर कहानी को झूठा बताया था। उन्होंने दावा किया था कि हिड़मा बीमार था और इलाज के दौरान पुलिस ने उसे पकड़कर फर्जी मुठभेड़ में मार दिया।
कमेटी के वरिष्ठ नेताओं-कॉमरेड सोनू, सतीश और चंद्रन्ना-ने बदलती परिस्थितियों को देखते हुए अस्थायी युद्ध विराम की घोषणा की है। उन्होंने सरकार से रेडियो पर संदेश प्रसारित करने और ऑपरेशन व मुखबिरी जैसी गतिविधियों को रोकने की भी मांग की है।