
दंतेवाड़ा/सुकमा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बस्तर दौरे से पहले नक्सलियों ने सरकार से तत्काल युद्ध विराम और सशर्त शांति वार्ता की मांग की है। नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) की सेंट्रल कमेटी के प्रवक्ता अभय द्वारा जारी बयान में केंद्र सरकार से एंटी-नक्सल ऑपरेशन को रोकने का आग्रह किया गया है। साथ ही, उन्होंने माओवादी विरोधी अभियानों को समाप्त करने और सुरक्षा बलों की वापसी की मांग की है।
तेलुगु भाषा में लिखे पर्चे में अभय ने कहा कि, पिछले 15 महीनों में उनके 400 साथी मारे गए हैं। अगर राज्य और केंद्र सरकार नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन रोकती है, तो हम शांति वार्ता के लिए तैयार हैं।
नक्सलियों की मांगें और आरोप
माओवादी संगठन ने मध्य भारत में जारी सैन्य अभियानों को रोकने का आह्वान किया है। संगठन का दावा है कि भाजपा सरकार ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर ‘कागर’ नामक एक गहन आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया है, जिसके चलते 400 से अधिक माओवादी नेता, कार्यकर्ता और आदिवासी नागरिक मारे जा चुके हैं। संगठन का आरोप है कि इस अभियान के तहत महिलाओं के साथ यौन हिंसा की घटनाएं हुई हैं और निर्दोष नागरिकों को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है। माओवादियों ने शांति वार्ता के लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं, जिनमें प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षा बलों की वापसी, नई सैन्य तैनाती का अंत और आतंकवाद विरोधी अभियानों का निलंबन शामिल है।
बुद्धिजीवियों और मानवाधिकार संगठनों से समर्थन की अपील
माओवादियों ने बुद्धिजीवियों, मानवाधिकार संगठनों, पत्रकारों, छात्रों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे सरकार पर शांति वार्ता के लिए दबाव बनाएं। उन्होंने इस मुद्दे पर राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने की भी मांग की। संगठन ने कहा कि यदि सरकार उनकी पूर्व शर्तों को स्वीकार करती है, तो वे तुरंत युद्ध विराम की घोषणा करेंगे और वार्ता के लिए तैयार होंगे।
गृह मंत्री अमित शाह का दो दिवसीय दौरा
नक्सलियों की इस अपील के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 4 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं। वह रायपुर में राज्य के प्रमुख नेताओं और अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। अगले दिन 5 अप्रैल को वह दंतेवाड़ा जिले में बस्तर पंडुम महोत्सव के समापन कार्यक्रम में शामिल होंगे। यहां वे मां दंतेश्वरी के दर्शन करेंगे। साथ ही, एंटी-नक्सल ऑपरेशन के कमांडरों के साथ संवाद करेंगे।
इस बीच, छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हिंसा नहीं चाहती और एक भी गोली चलाना उनका उद्देश्य नहीं है। राज्य सरकार चाहती है कि नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटें और समाज में सकारात्मक भूमिका निभाएं।
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