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MP में डॉ. मोहन यादव को सीएम बनाकर BJP ने चौंकाया, जानिए मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री और उनके राजनीतिक सफर के बारे में….

भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकार की लंबे समय से चल रही जद्दोजहद आज खत्म हो गई। छत्तीसगढ़ के बाद अब मध्य प्रदेश को भी नया मुख्यमंत्री मिल गया है। उज्जैन दक्षिण से बीजेपी विधायक डॉक्टर मोहन यादव मध्य प्रदेश के नए सीएम होंगे। बीएससी, एलएलबी और पीएचडी की डिग्री हासिल कर चुके मोहन यादव शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे हैं।

उज्जैन दक्षिण सीट तीन बार के विधायक हैं यादव

डॉ. मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं। उन्हें संघ का करीबी माना जाता है। विधानसभा चुनाव 2023 में ओबीसी नेता डॉ. मोहन यादव (58) ने उज्जैन दक्षिण सीट से भाजपा के टिकट पर 95,699 वोट हासिल करते हुए अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस के चेतन प्रेमनारायण यादव को 12,941 वोटों से हराया था। उन्होंने लगातार तीसरी बार चुनाव जीतकर उज्जैन दक्षिण सीट पर कब्जा किया है। 2013 में वे पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद 2018 में उन्होंने दूसरी बार उज्जैन दक्षिण सीट से चुनाव जीता। मार्च 2020 में शिवराज सरकार के दोबारा बनने के बाद  उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया था। बीजेपी ने 9 दिन मंथन करने के बाद सबको चौंका दिया है। अब सूबे की कमान डॉ. मोहन यादव के हाथों में होगी।

कौन हैं नए मुख्यमंत्री

डॉ. मोहन यादव का जन्म 25 मार्च 1965 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में हुआ था। उनके पिता का नाम पूनमचंद यादव है। तीन बार के विधायक मोहन यादव दो बेटे और एक बेटी के पिता हैं। उन्होंने बीएससी, एल-एल. बी, राजनीतिक विज्ञान में MA, MBA और पीएचडी की है। मोहन यादव ने अपनी पढ़ाई विक्रम यूनिवर्सिटी उज्जैन से की है।

राजनीतिक सफर

  • डॉ. मोहन यादव ने छात्र नेता के तौर पर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने छात्र जीवन से ही राजनीति में कदम रख दिया था। वह 1982 में माधव साइंस कॉलेज के ज्वॉइंट सेक्रेटरी रहे। इसके बाद 1984 में वह अध्यक्ष बने।
  • 1984 में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) उज्जैन के नगर मंत्री पद तक पहुंचे।
  • इसके बाद में 1988 में उन्हें एबीवीपी के प्रदेश सहमंत्री एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया।
  • साल 1989-90 तक परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री बने।
  • साल 1991-1992 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री पद तक पहुंच गए।
  • साल 1993-1995 में आरएसएस (उज्जैन) शाखा के सहखंड कार्यवाह बने।
  • साल 1997 में भाजयुमो की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य बने।
  • साल 1998 में पश्चिमी रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य बन गए।
  • साल 1999 में उन्हें भाजयुमो के उज्जैन संभाग का प्रभारी बनाया गया।
  • साल 2000-2003 में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की कार्यपरिषद के सदस्य बने
  • साल 2000-2003 में उन्हें भाजपा का नगर जिला महामंत्री बनाया गया।
  • 2004 में भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य बने।
  • इसके बाद 2004 से 2010 में उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पद तक पहुंचे।
  • साल 2008 से भारत स्काउट एंड गाइड के जिलाध्यक्ष बने।
  • साल 2011-2013 में मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, भोपाल के अध्यक्ष (केबिनेट मंत्री दर्जा) भा.ज.पा. की
  • प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य
  • इसके अलावा उन्हें कई पुरस्कारों से भी नवाजा गया है। साल 2013-2016 में उन्हें उज्जैन के समग्र विकास हेतु अप्रवासी भारतीय संगठन शिकागो (अमेरिका) की ओर से महात्मा गांधी पुरस्कार, इस्कॉन इंटरनेशनल फाउंडेशन की ओर से सम्मान और मध्य प्रदेश में पर्यटन के निरंतर विकास हेतु पुरस्कार से नवाजा गया है।
  • साल 2018 में दूसरी बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित।
  • 2 जुलाई 2020 को मंत्री पद की शपथ ली।
  • 2023 में तीसरी बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित, आज मुख्यमंत्री बने।

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