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शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा, भाजपा विधायक दल के नेता डॉ. मोहन यादव ने पेश किया सरकार बनाने का दावा

मैं कार्यकर्ता हूं, कार्यकर्ता रहूंगा... पार्टी के लिए हमेशा करूंगा : शिवराज सिंह चौहान

भोपाल। मध्य प्रदेश के नए मुखिया के चेहरे के ऐलान के बाद शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। विधायक दल की बैठक के बाद वह राजभवन पहुंचे और राज्यपाल मंगुभाई पटेल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस दौरान शिवराज ने कहा- मैं कार्यकर्ता हूं, कार्यकर्ता रहूंगा… पार्टी के लिए हमेशा करूंगा।

इसके बाद भाजपा विधायक दल के नेता डॉ. मोहन यादव राजभवन पहुंचे, यहां उन्होंने राज्यपाल मंगुभाई पटेल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इस दौरान उनके साथ नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल और वीडी शर्मा मौजूद रहे। साथ ही तीनों पर्यवेक्षक मनोहर लाल कट्टर, डॉ के. लक्ष्मण और आशा लाकड़ा भी साथ रहे।

राज्य में सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री पद पर रहने का शिवराज सिंह चौहान के नाम एक अनोखा कीर्तिमान पहले ही बन चुका है। राज्य में लगभग 17 वर्ष तक मुख्यमंत्री रहे। राज्य में 16वीं विधानसभा का गठन हो गया है और भाजपा इस बार 163 सीट हासिल कर एक बार फिर से सरकार बनाने जा रही है। अब नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव होंगे।

शिवराज का राजनीतिक सफर

  • शिवराज सिंह चौहान पहली बार 29 नवंबर 2005 को राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। तब से अब तक वे मात्र कांग्रेस के 15 माह के कार्यकाल के अलावा इस पद पर काबिज रहे। राज्य में वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 230 में से 173 सीटों पर विजय हासिल करके तीन चौथाई बहुमत से सरकार बनाई थी और 10 वर्ष पुरानी तत्कालीन दिग्विजय सिंह (कांग्रेस) सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंका था।
  • वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता दिलाने वालीं वरिष्ठ नेता उमा भारती ने 08 दिसंबर 2003 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन हुबली तिरंगा प्रकरण के चलते उन्हें लगभग साढ़े आठ माह में ही 23 अगस्त 2004 को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ा था। उसी दिन नए मुख्यमंत्री के रूप में वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन तत्कालीन राजनैतिक घटनाक्रमों के चलते 29 नवंबर 2005 को आखिरकार उन्हें पद छोड़ना पड़ा और फिर शिवराज सिंह चौहान ने 29 नवंबर 2005 को नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की।
  • यहां यह रोचक तथ्य है कि शिवराज सिहं चौहान के पद संभालते ही उनकी विदायी को लेकर राजनैतिक हलकों में अनेक तरह की चर्चाएं रहीं, लेकिन तमाम समस्याओं को पार करते हुए शिवराज ने अपना पहला कार्यकाल 11 दिसंबर 2008 तक पूरा किया।
  • वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शिवराज के नेतृत्व में एक बार फिर से विजय हासिल की और उन्होंने लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में 12 दिसंबर 2008 को शपथ ली। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में शिवराज के नेतृत्व में भाजपा ने एक बार फिर अभूतपूर्व सफलता हासिल कर सत्ता की हैट्रिक बनायी और उन्होंने तीसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में 14 दिसंबर 2013 को शपथ ग्रहण की।
  • नवंबर दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनाव में कथित सत्ताविरोधी रुझान के बीच रोचक नतीजे आए और कोई भी दल बहुमत के जादुई आकड़े ‘116’ को छू नहीं पाया। कांग्रेस 114 सीट हासिल कर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी और उसने निर्दलीयों तथा अन्य गैरभाजपायी विधायकों के सहयोग से नयी सरकार बनाई। जबकि, भाजपा को कांग्रेस से अधिक मत मिलने के बावजूद 109 सीट पर ही संतोष करना पड़ा।
  • इस बीच 15 माह बाद मार्च 2020 में कोरोना के अभूतपूर्व संकट की आहट के बीच राजनैतिक घटनाक्रमों के चलते कांग्रेस सरकार का पतन हो गया और शिवराज के नेतृत्व में एक बार फिर से भाजपा सत्तारूढ़ हो गई। तब उन्होंने 23 मार्च 2020 में एक बार फिर अपने चौथे कार्यकाल के रूप में मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की और तब से अब तक इस पद पर आसीन रहे।

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