Naresh Bhagoria
9 Nov 2025
रामचन्द्र पाण्डेय-भोपाल। अब तक लोग साइबर क्राइम से तो परेशान ही थे, अब साइबर अटैक के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे मामलों को रोकने और इसकी पूर्व सूचना देने में अब एक सॉफ्टवेयर कारगर सिद्ध होगा। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (ट्रिपल आईटी) भोपाल के डायरेक्टर डॉ. आशुतोष सिंह ने सॉफ्टवेयर को तैयार कर इसे पेटेंट के लिए फाइल किया है।
निश्चित ही इससे सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री के आईटी सेक्टर को फायदा होगा। आईटी सेक्टर के वो सभी संगठन, जो इनफॉर्मेशन की सुरक्षा करने की सेवा प्रदान करते हैं, वह इस सॉफ्टवेयर का उपयोग कर सकते हैं। सिंह ने बताया कि बढ़ते साइबर-क्राइम को देखते हुए यह सॉफ्टवेयर तैयार करने की प्रेरणा मिली।
साइबर हमला या क्राइम होने से पहले यह सॉफ्टवेयर अलर्ट करेगा। यह रिसर्च क्लाउड एकोजियम पर आधारित है। यह ऐसी तकनीक है, जो मोबाइल की जानकारी को सुरक्षित करने में मदद करती है। यह सॉफ्टवेयर कंप्यूटर और मोबाइल के माध्यम से क्लाउड कंप्यूटिंग के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी के उद्योग में कारगर होगा। इस रिसर्च को पूरा करने में करीब 8 साल लगे हैं।
दो पेटेंट हुए अवॉर्ड : सरकार ने वर्ष 2023 में इस रिसर्च से संबंधित 2 पेटेंट अवॉर्ड किए हैं। रिसर्च में 6 पीएचडी, 5 पोस्ट डॉक्टरेट रिसर्चर, 25 एमटेक स्टूडेंट्स शामिल थे। इसमें जर्मनी, जापान, ताइवान और ऑस्ट्रेलिया से कॉलेबोरेशन हुआ है।
बढ़ते हुए साइबर अपराध और एआई तकनीक को ध्यान में रखते हुए इस सॉफ्टवेयर से काफी मदद मिलेगी। किसी अंजान वेबसाइट में विजिट करते समय कोई इंटरनेट कॉलिंग से आप को अपना शिकार बनाना चाहता हो, तो इससे पहले ही अलर्ट या नोटिफिकेशन मिल जाएगा। - अक्षय बाजपेई , साइबर एक्सपर्ट
वर्तमान समय डिजिटलाइजेशन का है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर जीवन में 70 से 80 फीसदी काम ऑनलाइन होते हैं। ऐसे में डेटा और साइबर सुरक्षा में यह सॉफ्टवेयर कारगर सिद्ध होगा। - डॉ. आशुतोष सिंह, डायरेक्टर, आईआईआईटी भोपाल