Naresh Bhagoria
11 Dec 2025
भोपाल। राजधानी के हमीदिया अस्पताल में बुधवार तड़के दो नवजात शिशुओं के अधजले शव मिलने से पूरे परिसर में अफरा-तफरी मच गई। इस सनसनीखेज घटना ने अस्पताल की सुरक्षा और Hospital Safety Standards पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अधिकारियों के अनुसार, पुरानी पानी की टंकी को लंबे समय से डस्टबिन की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था, जिसमें आग लगने के बाद शवों का पता चला। पुलिस और अस्पताल प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है।
सुबह कचरे में लगी आग को बुझाने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने फायर ब्रिगेड को बुलाया। आग काबू में आने के बाद जब टंकी की जांच की गई, तो दो नवजात बच्चों के जले हुए शव दिखाई दिए। शवों पर जली हुई पन्नी और प्लास्टिक चिपकी मिली, जिससे संकेत मिलता है कि बच्चों को किसी तरह लपेटकर टंकी में फेंका गया था। पुलिस को घटना की जानकारी दोपहर करीब दो बजे दी गई।
पुलिस के अनुसार, एक नवजात लगभग 90% जला हुआ था, जबकि दूसरे का शरीर आंशिक रूप से जला मिला। पंचनामा कार्रवाई के बाद दोनों शव मॉर्चुरी भेजे गए। पांच डॉक्टरों की टीम पोस्टमॉर्टम कर रही है, जिससे यह स्पष्ट होगा कि नवजात पहले से मृत थे या आग में ही उनकी मृत्यु हुई।
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टंकी से निकाले गए कचरे में अस्पताल में इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक बेडशीट भी मिली। इससे पुलिस का मानना है कि, नवजातों को बेडशीट और पन्नी में लपेटकर फेंका गया और बाद में आग लगा दी गई। पुलिस ने डीएनए सैंपल सुरक्षित रखने और संबंधित रिकॉर्ड खंगालने के निर्देश दिए हैं।
टीआई केजी शुक्ला ने बताया कि, मॉर्चुरी के पास स्थित यह पुरानी टंकी लंबे समय से कचरे के लिए इस्तेमाल होती रही है। अस्पताल में बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था ठीक से नहीं थी और मॉर्चुरी के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की क्वालिटी भी खराब थी। फुटेज अस्पष्ट होने की वजह से घटना का तुरंत पता नहीं चल सका।
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