Shivani Gupta
7 Oct 2025
Mithilesh Yadav
6 Oct 2025
Mithilesh Yadav
6 Oct 2025
मध्यप्रदेश के सभी 55 जिलों के कलेक्टर, एसपी और करीब 250 से ज्यादा आईएएस, आईपीएस और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भोपाल में मौजूद हैं। यहां कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में दो दिवसीय कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस शुरू हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस कॉन्फ्रेंस में अधिकारियों से सीधा संवाद करेंगे और सरकार की प्राथमिकताएं बताएंगे।
यह कॉन्फ्रेंस राज्य सरकार के ‘विजन 2047’ के तहत बुलाई गई है। इसमें कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों से फील्ड में आने वाली चुनौतियों और योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही दिक्कतों पर चर्चा की जाएगी। साथ ही हर जिले की परफॉर्मेंस रिपोर्ट भी पेश की जाएगी। इस दौरान छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड पर भी चर्चा होने की संभावना है।
यह मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यकाल की पहली फिजिकल (सामने बैठकर होने वाली) कलेक्टर-कमिश्नर मीटिंग है। सामान्य प्रशासन विभाग ने कलेक्टर, एसपी, आईजी, संभागायुक्त, जिला पंचायत सीईओ, नगर निगम आयुक्त और स्मार्ट सिटी सीईओ को भी बुलाया है। मुख्य सचिव और डीजीपी की मौजूदगी में 8 अलग-अलग सेक्टरों पर चर्चा होगी।
कॉन्फ्रेंस में सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की समीक्षा की जाएगी। इसमें बेहतर प्रदर्शन करने वाले टॉप 5 और कमजोर प्रदर्शन वाले बॉटम 5 जिलों की सूची जारी की जाएगी। इन आंकड़ों को कलेक्टरों के कामकाज से जोड़ा जाएगा। खराब प्रदर्शन वाले अधिकारियों को चेतावनी या बदलाव का सामना करना पड़ सकता है।
चुने गए कुछ कलेक्टरों को अपने जिलों के नवाचार या खास पहल बताने के लिए मंच मिलेगा। उन्हें अधिकतम 2 से 3 मिनट का समय दिया जाएगा। एक सेक्टर में लगभग 6-7 कलेक्टरों को बोलने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा आधे घंटे का ओपन डिस्कशन भी रखा गया है।
सीएम और मुख्य सचिव जनसंवाद को मजबूत करने, स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ाने और सरकारी योजनाओं की आसान डिलीवरी पर जोर देंगे। चर्चा इस बात पर भी होगी कि योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे और जिला स्तर पर जागरूकता अभियान कैसे बढ़ाए जाएं।
दूसरे दिन की शुरुआत जनसंपर्क और विभागीय समन्वय पर चर्चा से होगी। इसके बाद शिक्षा, ग्रामीण विकास, जनजातीय कार्य और कानून व्यवस्था पर अलग-अलग सेशन होंगे। कानून व्यवस्था से पहले जिला पंचायत सीईओ की अलग ट्रेनिंग कराई जाएगी।
कॉन्फ्रेंस में 17 प्रमुख विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अधिकारी शामिल होंगे। इनमें वन, कृषि, नगरीय विकास, वित्त, पंचायत-ग्रामीण विकास, तकनीकी शिक्षा, गृह, औद्योगिक नीति, योजना-सांख्यिकी, जनजातीय कार्य, चिकित्सा शिक्षा, स्कूल शिक्षा, किसान कल्याण, महिला-बाल विकास, परिवहन, राजस्व और विधि-विधायी कार्य विभाग शामिल हैं।