Shivani Gupta
7 Nov 2025
Mithilesh Yadav
7 Nov 2025
Naresh Bhagoria
7 Nov 2025
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रतिबंधित कफ सिरप का उपयोग किए जाने के मामले से संबंधित किसी भी दोषी को प्रदेश सरकार नहीं छोड़ेगी। अभी तमिलनाडु की दवा कंपनी के जिम्मेदार लोगों को दबोचा गया है और उनकी गिरफ्तारी हुई है। दुर्भाग्य की बात है कि तमिलनाडु सरकार की तरफ से अपेक्षित सहयोग प्राप्त नहीं हो रहा है। तमिलनाडु के ड्रग कंट्रोलर को दवा कंपनी की नियमानुसार जांच करना चाहिए। डॉ. यादव गुरुवार को नागपुर पहुंचे और विभिन्न अस्पताल में उपचाररत बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी उनके परिजनों से ली। मुख्यमंत्री ने बाद में यहां मीडिया प्रतिनिधियों से कहा कि तमिलनाडु में निर्मित दवा के उपयोग से ही बच्चों की मृत्यु की बात प्रमाणित हुई है।
सीएम ने कहा-तमिलनाडु सरकार को नियमों के अनुसार सख्त कार्रवाई करना चाहिए। अब तक की जांच में मूल रूप से मैन्युफैक्चरिंग के स्तर पर गड़बड़ी की बात सामने आई है। त्रुटिपूर्ण यह दवा बच्चों को दी गई जिससे जीवन की क्षति हुई। वो कौन लोग हैं जिन्होंने इस कंपनी को ड्रग लाइसेंस दिया? छोटी सी जगह पर किस तरह फैक्ट्री संचालित है, यह प्रश्न पूछा जाना चाहिए। बिना जांच के लाइसेंस कैसे रिन्यू किया गया? दवा कंपनी को दोबारा उद्योग लाइसेंस कैसे दिया गया?
जहरीले कफ सिरप से गुरुवार को दो और बच्चों की मौत हो गई। अब तक 22 बच्चे जान गंवा चुके हैं। जिन दो बच्चों की मौत हुई, उनमें परासिया के मोर डोंगरी निवासी मयंक सूर्यवंशी (3 वर्ष 8 माह) और गर्भित पवार हैं। दोनों का इलाज डॉ. प्रवीण सोनी ने किया था।
जहरीले कफ सिरप से हुई बच्चों की मौत के मामले में हऌड सतर्क हो गया है, उसने मामले में भारत से स्पष्टीकरण मांगा था, जिसका जवाब दे दिया गया है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने हऌड को सूचित किया है कि देश में 3 कफ सिरप विषाक्त स्तर पर दूषित थे, तीनों सिरप भारत से बाहर नहीं भेजे गए।