Mithilesh Yadav
8 Oct 2025
भोपाल। मानसिक रोगों से जूझ रहे मरीजों के लिए राहत की खबर है। अब आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस यानि AI से मानसिक रोगों की जांच करेगा। यही नहीं खेल खेल में ही इन रोगों की पहचान भी हो जाएगी। यह सुविधा मरीजों को बीएमएचआरसी में मिलेगी। दरअसल, बीएमएचआरसी में एआई कंपनी ऑरेंज न्यूरोसाइंसेज से करार किया गया है। इसमें एआई बेस्ड एप से मरीजों का मेंटल एनालिसिस किया जाएगा। इसके जरिए ना केवल इलाज बल्कि आगे रिसर्च में भी सहयोग लिया जाएगा। यह सुविधा कब से शुरू होगी, प्रबंधन ने यह अभी स्पष्ट नहीं किया है।
इस एमओयू पर पर बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव और आॅरेंज न्यूरोसाइंसेज के अध्यक्ष डॉ. विनय सिंह ने हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी के तहत बीएमएचआरसी अब मध्यप्रदेश का पहला सरकारी संस्थान बन गया है, जहां एआई तकनीक से मनोरोगियों की जांच, इलाज और अनुसंधान किया जाएगा।
मानसिक रोगों में कई ऐसे लक्षण या समस्याएं होती हैं, जो एक से अधिक बीमारी की तरफ इशारा करती हैं। ऐसे में यह तकनीक बीमारी की सटीक पहचान में मदद करेगी। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक मानसिक रोगों की पहचान पारंपरिक तरीकों जैसे काउंसलिंग, फॉर्म भरवाने या इंटरव्यू से होती थी, जिसमें समय अधिक लगता था। लेकिन अब एआई आधारित वेब प्लेटफॉर्म्स की मदद से यह प्रक्रिया न सिर्फ तेज होगी बल्कि अधिक सटीक भी होगी।
डॉ. श्रीवास्तव ने कहा, ये एआई टूल्स वीडियो गेम की तरह होते हैं। मरीज जब इसका उपयोग करता है, तो यह टूल उसकी गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है और बीमारी के संकेतों का विश्लेषण करता है।
मनोचिकित्सा विभाग में अब डिजिटल कॉग्निटिव थेरेपी सेंटर की स्थापना की जाएगी। इस केंद्र में मरीजों की जांच, इलाज और डॉक्टरों को ट्रेनिंग दी जाएगी। विभाग के नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ. रूपेश रंजन ने बताया कि सेंटर की स्थापना तक इंतजार नहीं किया जाएगा। उपलब्ध संसाधनों से इलाज जल्द शुरू करने की योजना है।