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नौसेना में शामिल हुआ INS विशाखापट्टनम, ब्रह्मोस और बराक जैसी घातक मिसाइलों से हैं लैस

भारतीय नौसेना का नया विध्वंसक आईएनएस विशाखापट्टनम आज नौसेना के बेड़े में शामिल हो गया। आईएनएस विशाखापट्टनम के शामिल होने से भारत की समुद्री ताकत काफी बढ़ेगी। इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 75 फीसदी स्वदेशी उपकरणों से बनाया गया है। आईएनएस विशाखापट्टनम को भारत में बने सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक माना जा रहा है। आईएनएस विशाखापट्टनम को नौसेना डिजाइन निदेशालय ने डिजाइन किया था, जबकि इसे मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड ने बनाया है। ये नौसेना के प्रोजेक्ट पी 15 बी का हिस्सा है।

स्वदेशी स्टील से हुआ विशाखापत्तनम का निर्माण

रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने औपचारिक रूप से आईएनएस विशाखापत्तनम को मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड में भारतीय नौसेना में शामिल किया। नौसेनाध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह इस समारोह में मुख्य अतिथि रहे, वहीं राजनाथ सिंह सम्मानित अतिथि रहे। आईएनएस विशाखापत्तनम का निर्माण स्वदेशी स्टील DMR 249A का उपयोग करके किया गया और यह भारत में निर्मित सबसे बड़े विध्वंसक में से एक है, जिसकी कुल लंबाई 163 मीटर और विस्थापन 7400 टन से अधिक है। पोत समुद्री युद्ध के पूर्ण स्पेक्ट्रम में विविध कार्यों और मिशनों को पूरा करने में सक्षम है।

INS विशाखापट्टनम की ये हैं खासियतें

  • हवाई हमले से बचने के लिए आईएनएस विशाखापट्टनम 32 बराक 8 मिसाइल से लैस हैं।
  • मिसाइल सतह से हवा में मार करता है।
  • विमान, हेलिकॉप्टर, एंटी शिप मिसाइल, ड्रोन, बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल और लड़ाकू
  • विमान को नष्ट करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
  • INS विशाखापट्टनम 16 ब्रह्मोस मिसाइल से लैस है।
  • INS विशाखापट्टनम की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर और वजन 7400 टन है।
  • 55.56 किलोमीटर प्रतिघंटा इसकी अधिकतम रफ्तार है।
  • इसे चार गैस टर्बाइन इंजन से ताकत मिलती है।

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