दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह में क्रिसमस के अवसर पर एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां 250 लोगों ने ईसाई धर्म छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया है। हिंदू संगठन ने अनुष्ठान का आयोजन कर इन लोगों को सनातन धर्म में वापसी कराई। रविवार को पंडितों के मंत्रोचारण के साथ इन सभी का गंगाजल से शुद्धिकरण कराया तथा हवन पूजन भी कराया गया।
महिलाएं और बच्चों ने भी बदला धर्म
दमोह में एक साथ 250 ईसाइयों का सामूहिक धर्म परिवर्तन करने के मामले ने सबको हैरान कर दिया है। दरअसल, ये सभी लोग कुछ साल पहले सनातन धर्म को छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिया था। रविवार को क्रिसमस के अवसर पर दमोह शहर के आशीर्वाद गार्डन में हिंदू संगठन के लोगों ने 250 व्यक्तियों की सनातन धर्म में वापसी कराई। गार्डन में ये सभी लोग अपने परिवार के साथ पहुंचे थे, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी सम्मिलित रहे।
सनातन धर्म (हिन्दू) को अपनाने वालों को हवन वेदियों के सामने बिठाकर मंत्रोच्चारण किया गया। पंडितों के द्वारा सभी पर गंगाजल छिड़कर कर उनका शुद्धिकरण किया गया। इसके बाद हवन कराया गया। अब इन सभी ने फिर से सनातन धर्म अपनाकर ‘घर वासपी’ की है। इस दौरान पंडितों ने सनातन धर्म का महत्व समझाया।
बागेश्वर सरकार ने बनाया सनातनी
इन लोगों को बागेश्वर सरकार ने सतानती बनाया। दमोह में रविवार को रामकथा में शामिल होने आए इन लोगों ने हिंदू धर्म को पुनः अपना लिया है। इनमें महिला-पुरुष, बच्चे सभी शामिल थे। बागेश्वर सरकार ने सभी लोगों को शपथ दिलाई कि वे अब कभी अपना धर्म नहीं छोड़ेंगे। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने रविवार सुबह कृष्णा हाइट्स में सैकड़ों भक्त से मुलाकात की।
लोगों की हुई घर वासपी
हिंदू संगठन के लोगों का कहना है कि इन सभी लोगों ने सनातन धर्म छोड़कर दूसरा धर्म अपना लिया था। ये सभी लोग मार्ग भटक गए थे। अब इन सभी ने फिर से सनातन धर्म अपनाकर ‘घर वासपी’ की है। फिर से सनातन धर्म में वापसी करने वाले लोगों ने कहा कि वे धर्म का रास्ता भटक गए थे। इसलिए उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया था, मगर अब हम सब फिर से सनातन धर्म में वापस आ गए हैं। हमें बहुत अच्छा लग रहा है। हमारी घर वापसी हुई है।
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