Aditi Rawat
4 Nov 2025
क्या आपने कभी सोचा है कि जब भी कोई सेलिब्रिटी, नेता या VIP किसी बड़े इवेंट मे एंट्री करता है तो उसके कदमो के नीचे लाल कालीन ही क्यों बिछाई जाती है? न काला, न सफेद, हमेशा लाल ही क्यों। दरअसल, यह सिर्फ सजावट नहीं बल्कि सदियों पुरानी परंपरा और राजसी सम्मान का प्रतीक है। आज रेड कार्पेट हॉलीवुड ग्लैमर का हिस्सा बन चुकी है, लेकिन इसकी कहानी इतिहास के पन्नों में कही ज्यादा गहराई तक जाती है।
458 ईसा पूर्व में ग्रीक नाटककार ईसकलस ने अपने नाटक Agamemnon में पहली बार लाल कालीन का जिक्र किया था। इसमें दिखाया गया कि जब राजा अगामेम्नन युद्ध जीतकर लौटते हैं, तो उनके स्वागत मे लाल कालीन बिछाई जाती है, लेकिन उस समय लाल कालीन सिर्फ देवताओं के लिए आरक्षित थी। कहानी के अनुसार, अगामेम्नन जब उस कालीन पर चलते हैं, तो यह देवताओं के प्रति अहंकार माना जाता है और इसी गलती के कारण उनकी मृत्यु हो जाती है। यानी प्राचीन यूनान में रेड कार्पेट 'दैवीय शक्ति' का प्रतीक थी, जो इंसान और देवता के बीच की सीमाओं को दर्शाती थी।

इतिहास में दर्ज है कि 1821 में अमेरिकी राष्ट्रपति जेम्स मुनरो के स्वागत के लिए पहली बार औपचारिक रूप से रेड कार्पेट बिछाई गई थी। इसके बाद 1902 में न्यूयॉर्क से शिकागो तक चलने वाली 20th Century Limited ट्रेन में यात्रियों के स्वागत के लिए लाल कालीन बिछाई जाती थी। यहीं से निकला शब्द Red Carpet Treatment यानी शाही स्वागत। 1920 के दशक तक रेड कार्पेट हॉलीवुड की पहचान बन गई, जहां स्टार्स उस पर चलते हुए अपनी ग्लैमर वॉक से सुर्खियां बटोरने लगे।
लाल रंग हमेशा से धन, शक्ति और वैभव का प्रतीक रहा है। मध्यकालीन यूरोप में स्कार्लेट नाम की डाई से लाल कालीन बनाई जाती थी, जो बहुत महंगी होती थी, इसलिए इसे सिर्फ राजघरानों और अमीर वर्ग के लिए रखा जाता था। तुर्की में लाल रंग निकालने के लिए रूबिया पौधे की जड़ों, ऑलिव ऑयल और भेड़ के मल तक का इस्तेमाल किया जाता था। इतना मेहनत और खर्च सिर्फ इस रंग को खास बनाता था। यही वजह है कि धीरे-धीरे लाल कालीन बन गई रुतबे और शाही ठाठ की पहचान।
भारत में रेड कार्पेट के औपचारिक इस्तेमाल का जिक्र 1911 के दिल्ली दरबार में मिलता है, जब वायसरॉय लॉर्ड हार्डिंगे ने किंग जॉर्ज V और क्वीन मैरी के स्वागत में लाल कालीन बिछवाई थी। तब से लेकर आज तक राष्ट्रपति भवन, संसद और विदेशी मेहमानों के स्वागत में रेड कार्पेट बिछाना सम्मान का प्रतीक बना हुआ है।

ऑस्कर, कांस या फिल्मफेयर अब हर बड़े इवेंट की पहचान बन चुकी है रेड कार्पेट। आज यह सिर्फ एक कालीन नही, बल्कि ग्लैमर, ब्रांड वैल्यू और पब्लिक इमेज का मंच है। सेलिब्रिटीज इसके जरिए अपने लुक्स, डिजाइनर्स और स्टाइल को दिखाते है। रेड कार्पेट पर चलना मोमेंट ऑफ प्राइड है, जहां हर कदम कैमरों में कैद होकर सोशल मीडिया की हेडलाइन बन जाता है।
परंपरा से ग्लैमर तक की यह लाल यात्रा। देवताओं के सम्मान से लेकर हॉलीवुड की चमक तक, रेड कार्पेट की यह यात्रा बताती है कि लाल रंग सिर्फ रंग नही, बल्कि भावना और प्रतिष्ठा का प्रतीक है। यह हमे याद दिलाता है कि सम्मान और प्रतिष्ठा दिखाने के तरीके बदल सकते है, पर उसके रंग की गरिमा आज भी वही है।