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साशा की मौत के दो दिन बाद कूनो में आए नए मेहमान, सिया ने चार शावकों को दिया जन्म

श्योपुर। मध्य प्रदेश के कूनो अभ्यारण में खुशी की लहर दौड़ी है। नामीबिया से आई मादा चीता ने चार नन्हे शावकों को जन्म दिया है।  कूनो नेशनल पार्क में सिया नाम की यह मादा चीता पिछले कई महीनों से प्रेगनेंट थी और उसकी एक विशेष टीम के द्वारा निगरानी की जा रही थी और आज इस मादा चीता सिया ने 4 नन्हे शावकों को जन्म दिया है। फिलहाल, यह चारों शावक पूरी तरह सुरक्षित हैं और एक विशेष टीम द्वारा इनकी निगरानी रखी जा रही है।

मादा चीता ने चार नन्हे शावकों को जन्म दिया।

बता दें कि दो दिन पहले जिस तरीके से कूनो नेशनल अभ्यारण में एक मादा चीता साशा की मौत के बाद पूरे देश और मध्य प्रदेश में शोक की लहर छा गई थी, लेकिन आज कूनो अभ्यारण में खुशी का माहौल है। कूनो अभ्यारण से लेकर पूरे देशभर में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। नामीबिया से आई सिया ने चार शावकों को जन्म दिया है।

भारत में चीता प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा : CM

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर शुभकामनाएं दी। लिखा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपकी प्रेरणा और सफल प्रयासों से चीता की सुखद वापसी भारत में हुई है। मध्य प्रदेश चीता स्टेट बना है। आज कूनो नेशनल पार्क में चीता परिवार में चार नए शावकों के आगमन से हम समस्त मध्यप्रदेशवासी हर्षित एवं आनंदित हैं। यह हमारे लिए अत्यंत आनंददायी है कि कूनो में चीता परिवार बढ़ रहा है। वन विभाग, कूनो नेशनल पार्क, स्थानीय प्रशासन के सफल प्रबंधन से सुखद परिणाम मिले हैं। मैं वन विभाग की पूरी टीम को बधाई देता हूं, जिनकी देख रेख में भारत में चीता प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है।

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने दी बधाई

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्विटर के जरिए बधाई दी है। भूपेंद्र यादव ने ‘अमृत काल’ के दौरान भारत के वन्यजीव संरक्षण इतिहास में इसे महत्वपूर्ण पल बताया। यादव ने ट्वीट किया, ‘‘मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत 17 सितंबर 2022 को भारत लाए गए चीतों में से एक मादा चीते ने चार शावकों को जन्म दिया है।

साशा के किडनी और लिवर में था इन्फेक्शन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर को मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में लाए गए 8 चीतों में से करीब साढ़े चार वर्ष की मादा चीता ‘साशा’ नहीं रहीं। उसकी मौत की खबर 27 मार्च को सुबह वन अधिकारियों को मिली। साशा ढाई माह पहले किडनी में संक्रमण के चलते बीमार पड़ी थी। डॉक्टरों ने इलाज करते हुए उसे बेहतर स्थिति में बताया था। साशा कूनो में मात्र 192 दिन ही जीवित रह पाई। मादा चीता साशा के हेपेटोरेनल इन्फेक्शन यानी किडनी और लिवर का संक्रमण हो गया था। उसका इलाज भोपाल की मेडिकल टीम द्वारा किया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।

अब बचे केवल 19 चीते

साशा की मौत के साथ कूनो में चीतों की संख्या 19 हो गई है। इससे पहले 17 सितंबर को कूनो में 8 चीते नामीबिया से और 18 फरवरी को दक्षिण 12 चीते अफ्रीका से लाए गए थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव ने फरवरी में इन्हें बाड़े में रिलीज किया था। इसके बाद कूनो में चीतों की संख्या 20 हो गई थी।

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