Aakash Waghmare
8 Oct 2025
Mithilesh Yadav
8 Oct 2025
vikrant gupta
8 Oct 2025
ग्वालियर। 7 अगस्त को नर्मदा एक्सप्रेस के एसी कोच से रहस्यमय ढंग से लापता हुई कटनी निवासी छात्रा अर्चना तिवारी आखिरकार 12 दिन बाद यूपी के लखीमपुर खीरी में मिल गई है। छात्रा को नेपाल बॉर्डर के नजदीक से बरामद किया गया है। पुलिस अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि वह वहां तक कैसे पहुंची और इन 12 दिनों में उसके साथ क्या हुआ।
भोपाल जीआरपी एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने पुष्टि करते हुए बताया कि अर्चना को सुरक्षित बरामद कर लिया गया है और उसे वापस लाने के लिए पुलिस टीम रवाना हो चुकी है।
इस मामले में अहम मोड़ तब आया, जब अर्चना ने मंगलवार सुबह अपनी मां से फोन पर संपर्क किया और खुद के सुरक्षित होने की जानकारी दी। छात्रा के कॉल के बाद पुलिस ने तुरंत उसकी लोकेशन ट्रेस करना शुरू किया और कुछ घंटों के भीतर उसे नेपाल सीमा के नजदीक यूपी के लखीमपुर खीरी से बरामद कर लिया गया।
अर्चना की मां से बात होने की पुष्टि उनके पारिवारिक मित्र और कटनी युवा कांग्रेस नेता देवांशु मिश्रा ने भी की। इसके बाद जीआरपी, जिला पुलिस और साइबर टीमों ने समन्वय बनाकर सर्च ऑपरेशन को सफल बनाया।
अर्चना के लापता होने के मामले में ग्वालियर के भंवरपुरा थाने में पदस्थ आरक्षक राम तोमर पर पुलिस का शक गहराता जा रहा है। जानकारी के अनुसार, राम तोमर और अर्चना पिछले दो वर्षों से संपर्क में थे। आरक्षक ने अपनी आईडी से अर्चना के लिए इंदौर से कटनी का टिकट बुक किया था।
राम तोमर ने दावा किया है कि उसने टिकट जरूर बुक किया था, लेकिन अर्चना ट्रेन में आई ही नहीं। हालांकि, ट्रेन के कटनी पहुंचने पर सीट पर छात्रा का बैग मिला, लेकिन वह खुद गायब थी। इसके बाद पूरे मामले ने रहस्यमयी मोड़ ले लिया।
जांच के दौरान जब जीआरपी और ग्वालियर पुलिस ने राम तोमर के कमरे पर दबिश दी, तो वहां कई लड़कियों का सामान और आपत्तिजनक सामग्री मिली। इससे पुलिस को आशंका है कि राम तोमर का इस मामले में कोई न कोई बड़ा रोल हो सकता है।
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