People's Reporter
9 Nov 2025
आज बोनी कपूर फिल्म इंडस्ट्री के सबसे सफल निर्माताओं में से एक माने जाते हैं, लेकिन एक समय था जब उन्होंने खुद एक अभिनेता बनने का सपना देखा था। हालांकि, अपने छोटे भाई अनिल कपूर के सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने अपना यह सपना त्याग दिया। 11 नवंबर 1953 को मुंबई में जन्मे बोनी कपूर का परिवार पहले से ही फिल्मी दुनिया से जुड़ा हुआ था। उनके पिता सुरिंदर कपूर एक प्रसिद्ध फिल्म निर्माता थे, जिन्होंने अपने बेटों को फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने के लिए प्रेरित किया। बोनी कपूर के छोटे भाई अनिल कपूर और संजय कपूर भी इसी विरासत का हिस्सा हैं। फिल्मी माहौल में पले-बढ़े बोनी कपूर के भीतर भी सिनेमा के प्रति गहरा आकर्षण था, लेकिन उनका सफर अपने भाइयों से कुछ अलग और अनोखा रहा।
बचपन से ही बोनी कपूर को फिल्मों से गहरा लगाव था। उनका सपना था कि एक दिन वह खुद भी बड़े पर्दे पर बतौर हीरो नज़र आएं। लेकिन किस्मत ने उनके लिए एक अलग रास्ता चुना। एक पुराने इंटरव्यू में बोनी कपूर ने बताया था कि वे भी एक्टर बनना चाहते थे, लेकिन उन्होंने इस दिशा में कदम इसलिए नहीं बढ़ाया क्योंकि उनके छोटे भाई अनिल कपूर इस सपने को लेकर उनसे कहीं ज़्यादा गंभीर थे। बोनी ने कहा था कि उनका मन एक्टर बनने का था, लेकिन पक्का इरादा नहीं किया था। अनिल एक्टर बनने के लिए उनसे ज्यादा गंभीर थे, इसलिए उन्होंने अपने भाई के करियर को संभालने का फैसला किया और खुद कैमरे के पीछे जाकर निर्माता बनने की राह पकड़ी।
बोनी कपूर ने अपने पिता सुरिंदर कपूर की प्रोडक्शन कंपनी से करियर की शुरुआत की। उन्होंने फिल्मों के निर्माण, बजट, मार्केटिंग और वितरण की बारीकियों को करीब से समझा। 1983 में उन्होंने अपने बैनर ‘नरगिस आर्ट्स’ के तहत फिल्म ‘वो सात दिन’ का निर्माण किया, जिसमें अनिल कपूर को बतौर हीरो लॉन्च किया गया। फिल्म को जबरदस्त सराहना मिली और यहीं से अनिल कपूर का करियर चमक उठा। इस फिल्म की सफलता ने बोनी कपूर को एक समझदार और दूरदर्शी निर्माता के रूप में पहचान दिलाई।
1980 और 1990 के दशक में बोनी कपूर ने कई सफल फिल्मों का निर्माण किया जिनमें ‘मिस्टर इंडिया’ (1987), ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ (1993), ‘जुदाई’ (1997), ‘पुकार’ (2000), ‘नो एंट्री’ (2005), ‘वांटेड’ (2009) और ‘कंपनी’ (2002) शामिल हैं। इनमें से ‘मिस्टर इंडिया’ उनके करियर की मील का पत्थर साबित हुई। इस फिल्म में उनके भाई अनिल कपूर और अभिनेत्री श्रीदेवी मुख्य भूमिकाओं में थे। यही फिल्म बोनी और श्रीदेवी को करीब लाने वाली रही।

‘मिस्टर इंडिया’ के दौरान बोनी कपूर और श्रीदेवी की नज़दीकियां बढ़ीं। कई सालों तक एक-दूसरे को जानने और समझने के बाद दोनों ने शादी की। बोनी और श्रीदेवी की दो बेटियां हैं: जान्हवी कपूर और खुशी कपूर। जान्हवी आज बॉलीवुड की सफल अभिनेत्रियों में से एक हैं और खुशी कपूर ने हाल ही में ‘द आर्चीज़’ (2023) से अभिनय की शुरुआत की।
बोनी कपूर ने हिंदी सिनेमा के अलावा दक्षिण भारतीय फिल्मों में भी अपनी मजबूत पहचान बनाई। उन्होंने तमिल फिल्म ‘Nerkonda Paarvai’ (2019) और तेलुगु फिल्म ‘Vakeel Saab’ (2021) का निर्माण किया, जो दोनों ही सुपरहिट साबित हुईं। इन फिल्मों ने उन्हें नए दर्शक वर्ग तक पहुंचाया और यह दिखाया कि बोनी कपूर आज भी सिनेमा के बदलते दौर के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं।
अपने लंबे फिल्मी सफर में बोनी कपूर को कई सम्मान मिले। उन्हें ‘मिस्टर इंडिया’ के लिए सर्वश्रेष्ठ फिल्म का अवॉर्ड मिला, जबकि उनकी फिल्म ‘पुकार’ को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने 2023 में यह भी खुलासा किया कि वे श्रीदेवी के नाम से एक विशेष फिल्म फाउंडेशन शुरू करने की योजना बना रहे हैं, जो नई प्रतिभाओं को अवसर देगा।
2018 में बोनी कपूर के जीवन में बड़ा झटका तब लगा जब उनकी पत्नी श्रीदेवी का दुबई में निधन हो गया। यह उनके और उनके परिवार के लिए बेहद कठिन समय था। इसके बावजूद उन्होंने अपने परिवार और बेटियों के लिए खुद को संभाला। आज भी वे श्रीदेवी को अपनी प्रेरणा मानते हैं और उनके नाम को सम्मान के साथ याद करते हैं।
बोनी कपूर आज भी सक्रिय रूप से फिल्मों का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में ‘मैदान’ (2024) और ‘Bheed’ जैसी फिल्मों का निर्माण किया है। इसके अलावा वे साउथ इंडस्ट्री में भी कई नए प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं। फिटनेस पर भी उन्होंने ध्यान दिया है और रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने करीब 26 किलो वजन घटाया है, जिससे उनका नया रूप सभी को प्रभावित कर रहा है।