
सीधी। मध्य प्रदेश की रीवा लोकायुक्त पुलिस ने एक प्रधान आरक्षक को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। रामपुर नैकिन थाने के पुलिस चौकी खड्डी में पदस्थ प्रधान आरक्षक बृजेश तिवारी को 15 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। ये घूस एफआईआर से नाम हटाने और जमानत देने के लिए मांगी गई थी। लोकायुक्त की इस बड़ी कार्रवाई से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।
क्या मामला है?
जानकारी के मुताबिक, रामपुर नैकिन थाना अंतर्गत ग्राम खड्डी निवासी दिवाकर द्विवेदी, भास्कर द्विवेदी का जमीनी विवाद शैलेंद्र तिवारी, सुदामा तिवारी से चल रहा था। 21 दिसंबर को दोनों पक्ष में मारपीट हुई थी। मारपीट में भास्कर द्विवेदी को गंभीर चोट आई थी। वहीं शैलेंद्र तिवारी को भी मामूली चोट आई थी, लेकिन आरोप है कि पुलिस ने दबाव के चलते 6 व्यक्तियों को आरोपी बनाकर कई धाराओं में आपराधिक मामला दर्ज कर लिया गया। दिवाकर के बेटे और भांजे पर चौकी में मामला दर्ज था और जमानत देने और FIR से नाम हटाने के लिए लगातार पैसों की मांग की जा रही थी।
देर रात किया गिरफ्तार
इससे परेशान होकर पीड़ित पक्ष ने इसकी शिकायत लोकायुक्त रीवा से की। सत्यापन के बाद लोकायुक्त रीवा की 12 सदस्य टीम ने कार्रवाई करते हुए शुक्रवार की देर रात करीब 11:30 बजे प्रधान आरक्षक बृजेश तिवारी को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
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