जबलपुरमध्य प्रदेश

पंचतत्व में विलीन हुए शहीद शंकर प्रसाद, राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई

जम्मू कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए सतना जिले के जवान शंकर प्रसाद पटेल को रविवार को उनके गृह ग्राम नौगवां में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। शहीद का गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में भारी जनसैलाब उमड़ा।

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शहीद को बेटे ने दी मुखाग्नि

शहीद शंकर प्रसाद पटेल को मुखाग्नि उनके पुत्र संजय ने दी। उनके परिवार में पत्नी लक्ष्मी पटेल और दो पुत्र संजय तथा सुरेंद्र हैं। राज्य शासन के प्रतिनिधि के तौर पर राज्य मंत्री राम खेलावन पटेल और सांसद गणेश सिंह ने गांव पहुंचे और पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मंत्री पटेल ने शहीद परिवार को सरकार की तरफ से एक करोड़ की सहायता राशि, परिवार के सदस्य को शासकीय नौकरी, शहीद के नाम पर शासकीय भवन का नामकरण किए जाने की घोषणा की। पूरे रास्ते बाइक पर सवार युवाओं की टोली देश भक्ति के नारे के साथ चल रहे थे। सड़क किनारे जगह जगह ग्रामीण शहीद के अंतिम दर्शन के लिए खड़े थे।

आतंकियों से मुठभेड़ में हुए थे शहीद

दरअसल,जम्मू कश्मीर में 22 अप्रैल की सुबह आतंकियों से मुठभेड़ में 10 जवान घायल हुए थे। जिसमें सीआईएसफ के सहायक उपनिरीक्षक शंकर प्रसाद पटेल शहीद हो गए थे। शनिवार को शहीद का पार्थिव देह विशेष विमान से 3.30 बजे जबलपुर लाया गया। जहां सीआईएसएफ की थर्ड रिजर्व बटालियन ने सलामी दी और फिर पूरे राजकीय सम्मान के साथ सड़क मार्ग से शाम 6 बजे उनके गृह ग्राम नोगवां ले जाया गया। जहां सैकड़ों लोगों ने वीर सपूत को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

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