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दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके : 4.0 मापी गई तीव्रता, घबराकर घरों से बाहर निकले लोग; PM मोदी ने लोगों से की शांत रहने की अपील

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में सोमवार सुबह करीब 5:36 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4 मापी गई है। भूकंप का केंद्र नई दिल्ली था और इसकी गहराई पांच किलोमीटर बताई गई है। झटके इतने तेज थे कि लोगों की नींद भी खुल गई और घबराकर वे घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, अब तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है।

दिल्ली पुलिस ने ‘X’ पर पोस्ट किया कि दिल्ली, हम आशा करते हैं कि आप सभी सुरक्षित हैं। किसी भी आपात स्थिति में 112 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें।

PM मोदी ने लोगों से की शांत रहने की अपील

भूंकप को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर ट्वीट कर लोगों से शांत रहने की अपील की। साथ ही कहा कि, अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं।

हर 2-3 साल में आते हैं हल्के झटके

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने बताया कि दिल्ली, नोएडा, और अन्य एनसीआर शहरों में आए भूकंप का केंद्र 28.59 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 77.16 डिग्री पूर्वी देशांतर पर था। इसका केंद्र धौलाकुंआ स्थित दुर्गाबाई देशमुख कॉलेज ऑफ स्पेशल एजुकेशन के पास था। अधिकारियों के अनुसार, इस क्षेत्र में हर दो-तीन साल में हल्के झटके आते रहते हैं। 2015 में भी यहां 3.3 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप के दौरान एक तेज आवाज भी सुनाई दी, जिससे लोग डर गए।

दिल्ली और आसपास के क्षेत्र को भूकंपीय क्षेत्र IV में रखा गया है, यानी यहां मध्यम से तीव्र भूकंप आने का खतरा बना रहता है। हालांकि, दिल्ली-एनसीआर में समय-समय पर भूकंप के हल्के झटके महसूस होते रहते हैं, लेकिन इस बार का झटका काफी तीव्र था, जो कई सालों बाद महसूस हुआ। भूकंप का केंद्र भी दिल्ली के पास था। कंपन इतनी तेज था कि लोगों के घरों में बेड, पंखे और अन्य सामान हिलने लगे। ऐसा लगा जैसे धरती के भीतर कुछ बड़ा हो रहा हो। घरों के दरवाजे और खिड़कियां भी हिलने लगीं।

भूकंप के झटके से घबराए लोग

  • नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों ने बताया कि, भूकंप के झटके इतने तेज थे कि ऐसा लगा जैसे कोई ट्रेन जमीन के नीचे चल रही हो।
  • एक यात्री ने कहा, “सबकुछ हिल रहा था।” स्टेशन पर एक वेंडर ने बताया कि जैसे ही भूकंप के झटके महसूस हुए, कई ग्राहक घबराकर चिल्लाने लगे।
  • एक अन्य यात्री ने कहा, “भूकंप के झटके थोड़े समय के लिए थे, लेकिन उनकी तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि ऐसा लगा जैसे कोई ट्रेन बहुत तेजी से आ रही हो।”
  • पश्चिमी दिल्ली के नरेश कुमार ने बताया कि, उन्होंने कभी इतना तेज़ भूकंप नहीं महसूस किया।
  • गाजियाबाद में एक ऊंची इमारत में रहने वाले व्यक्ति ने कहा कि, झटके इतने तेज थे कि लोग घबराहट में नीचे भाग आए।
  • नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रयागराज जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहे रतनलाल शर्मा ने कहा, “ऐसा लगा जैसे कोई ट्रेन अचानक झटके से रुक गई हो।”

UP और हरियाणा में भी महसूस किए गए झटके

दिल्ली-NCR के साथ उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, सहारनपुर, अलवर, मथुरा और आगरा तक तेज झटके महसूस हुए। वहीं हरियाणा के कुरुक्षेत्र, हिसार, कैथल तक झटके महसूस हुए।

क्या होता है रिक्टर स्केल?

भूकंप की तीव्रता नापने के लिए रिक्टर स्केल का इस्तेमाल किया जाता है। रिक्टर स्केल मूल रूप से भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए डिजाइन किया गया था। इसकी खोज अमेरिकी वैज्ञानिक चार्ल्सा रिक्टेर और बेनो गुटरबर्ग ने 1935 में की थी। उनका सोचना था कि, भूकंप की तीव्रता को एक संख्या में व्यक्त किया जाना चाहिए ताकि इसकी तुलना अन्य भूकंपों से की जा सके।

दिल्ली-NCR में 17 फरवरी, 2025 की सुबह भूकंप के जोरदार झटके महसूस हुए।

आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?

भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।

कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।

किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है

• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।

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