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तानसेन शताब्‍दी समारोह : संगीतधानी में आज से 5 दिन तक सजेगी सुर-ताल की महफिल, 350 से अधिक वाद्य यंत्रों की प्रस्तुति से बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में तानसेन संगीत समारोह के 100 साल पूरे होने पर देश के कई क्षेत्रों में संगीत से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। संगीतधानी ग्वालियर की फिजा अगले 5 दिनों तक सुर, ताल और राग की बारिश में सराबोर रहेगी। भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश का सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव ‘तानसेन संगीत समारोह’ संगीत की नगरी ग्वालियर में आज से (15 दिसम्बर) शुरू हो रहा है, जो 19 दिसम्बर तक चलेगा। तानसेन समारोह का यह शताब्दी आयोजन है।

महेश्वर किला की थीम पर बना मंच

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में तानसेन समाधि के समीप ऐतिहासिक महेश्वर किला की थीम पर बने भव्य एवं आकर्षक मंच पर शाम 6 बजे समारोह का शुभारंभ होगा। इसी मंच पर बैठकर देश और दुनिया के ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधक संगीत सम्राट तानसेन को स्वरांजलि अर्पित करेंगे। उद्घाटन समारोह में राज्यपाल मंगू भाई पटेल, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर विशिष्ट अतिथि होंगे। अध्यक्षता संस्कृति राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मेन्द्र सिंह लोधी करेंगे। इनके अलावा प्रभारी तुलसीराम सिलावट एवं ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं सांसद सहित विधायक डॉ. सतीश सिकरवार, साहब सिंह गुर्जर एवं महापौर डॉ. शोभा सिकरवार को भी आमंत्रित किया गया है।

350 कलाकारों की मौजूदगी में होगा नादब्रह्म

रविवार की शाम किले पर नादब्रह्म के स्वर गूंजेंगे। तानसेन शताब्दी समारोह में शास्त्रीय बैंड की इस प्रस्तुति को जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में होने वाले वाले नादब्रह्म में 350 संगीत साधक एक साथ विभिन्न वाद्य यंत्रों का वादन करेंगे। कर्णमहल के समीप होने वाली इस प्रस्तुति को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के प्रयास होंगे। प्रस्तुति में बांसुरी, सितार, सरोद, संतूर, शहनाई, वायलिन, सारंगी व हार्मोनियम आदि वाद्य यंत्रों की धुन और तबला व पखावज की थाप के साम्य से सुर संगीत के नए रंग बिखरेंगे।

18 को दिया जाएगा अलंकरण

तानसेन समारोह के दौरान 18 दिसंबर को अलंकरण समारोह होगा। शाम 6 बजे से होने वाले समारोह में पं. स्वपन चौधरी को वर्ष 2023 के तानसेन सम्मान से विभूषित किया जाएगा। जबकि वर्ष 2023 के राजा मानसिंह तोमर सम्मान से सानंद न्यास इंदौर को अलंकृत किया जाएगा।

कथा और मीलाद के साथ शुरुआत

सुबह 10 बजे तानसेन समाधि पर शहनाई वादन, ढोलीबुआ महाराज की हरिकथा एवं मीलाद होगी। समारोह में कुल 10 सभाएं होंगी। पहली सभा 15 दिसंबर की शाम तानसेन समाधि परिसर में होगी। इसके साथ ही प्रतिदिन सुबह शाम की सभाएं सजेंगी। 18 दिसम्बर को सुबह की सभा बटेश्वर मंदिर परिसर में भी होगी। 19 दिसंबर को सुबह की सभा तानसेन की जन्मस्थली बेहट में होगी। जबकि शाम की सभा गुजरी महल परिसर में सजेगी।

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