
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) आज अपना 44वां स्थापना दिवस मना रही है। 6 अप्रैल 1980 को भाजपा का गठन हुआ था।स्थापना दिवस के मौके पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली में पार्टी मुख्यालय पर झंडा फहराया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, भाजपा सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र के साथ काम कर रही है। सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण को हमने हमेशा अपने हृदय और कार्यशैली में सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। सामाजिक न्याय हमारे लिए राजनीतिक नारेबाजी का हिस्सा नहीं बल्कि हमारे लिए Article of Faith है।
BJP की ढाल बनकर खड़े हैं आम लोग : PM मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि, जब हमारा मजाक उड़ाकर सफल नहीं हुए तो बादशाही मानसिकता वाले लोगों की नफरत और बढ़ गई। नफरत से भरे लोग आज झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं। जो काम दशकों तक नहीं हुए, वो भाजपा कैसे कर रही है, वो इन्हें पच नहीं रहा है। ये लोग इतने निराश हो गए हैं कि, एक ही रास्ता दिख रहा है। खुलकर कह रहे हैं कि मोदी तेरी कब्र खुदेगी। वो कब्र खोदने की धमकी दे रहे हैं।
इन पार्टियों को यह नहीं पता कि, आज देश का गरीब, युवा, माताएं, बहने, दलित, आदिवासी हर कोई बीजेपी के कमल को खिलाने के लिए ढाल बनकर खड़ा है।
हनुमानजी से प्रेरणा ले रहे भाजपा कार्यकर्ता : PM मोदी
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, आज हम देश के कोने-कोने में भगवान हनुमान जी की जन्म जयंती मना रहे हैं। हनुमानजी का जीवन और उनके जीवन के प्रमुख प्रसंग आज भी हमें पुरषार्थ के लिए प्रेरित करते हैं। भारत की विकास यात्रा के लिए प्रेरणा देते हैं। हनुमानजी सब कुछ कर सकते हैं, सबके लिए करते हैं, लेकिन अपने लिए कुछ नहीं करते। यही भाजपा की प्रेरणा है।
हनुमानजी के पास असीम शक्ति है लेकिन इस शक्ति का इस्तेमाल वो तभी कर पाते हैं जब स्वयं पर से उनका संदेह समाप्त हो जाता है। 2014 से पहले भारत की भी यही स्थिति थी, लेकिन आज भारत बजरंगबली जी की तरह अपने भीतर सूक्त शक्तियों का आभास कर चुका है। आज समुद्र जैसी विशाल समस्याओं का सामना करने के लिए भारत पहले से कहीं ज्यादा मजबूत होकर उभरा है।
‘कवन सो काज कठिन जग माहीं, जो नहीं होय तात तुम्ह पाही’। यानी ऐसा कोई भी काम नहीं है जो पवन पुत्र हनुमान कर नहीं सकते। जब लक्ष्मण जी पर संकट आया तो पूरा पर्वत ही उठा लाए। भाजपा भी इसी प्रेरणा से परिणाम लाने में लोगों की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करती रही है, करते रहना है, करते रहेंगे। राम काज किन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम।
हनुमानजी के ‘कैन डू’ एटीट्यूड की तरह काम करती है BJP
जब हनुमानजी को राक्षसों का सामना करना पड़ा था तो वो उतने ही कठोर भी हो गए थे। इसी प्रकार से जब भ्रष्टाचार की बात आती है, जब परिवारवाद की बात आती है, कानून व्यवस्था की बात आती है तो भाजपा उतनी ही संकल्पबद्ध हो जाती है। मां भारती को इन बुराइयों से मुक्ति दिलाने के लिए कठोर होना पड़े तो कठोर हों।
आज की मॉडर्न परिभाषा में जिस बात का बार-बार जिक्र किया जाता है वो है- Can Do Attitude अगर हनुमानजी का पूरा जीवन देखें तो डगर-डगर पर Can Do Attitude की संकल्पशक्ति ने उनके लिए सफलता लाने में बहुत बड़ी भूमिका अदा करती है।
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना
- आज भाजपा देश में एक नए पॉलिटिकल कल्चर का नेतृत्व कर रही है जबकि कांग्रेस और उसके ही जैसे अन्य दलों का कल्चर आप देख सकते हैं। परिवारवाद, वंशवाद, जातिवाद और क्षेत्रवाद के बंधक हैं ये सभी दल, जबकि भाजपा का पॉलिटिकल कल्चर प्रत्येक देशवासी को साथ लेकर चलने का है।
- कांग्रेस और उसकी जैसी पार्टियों का कल्चर है- छोटा-छोटा सोचना और उस से भी कम हासिल कर के खुशियां मानना। ये एक-दूसरे की पीठ थपथपा कर खुश हैं, जबकि भाजपा का पॉलिटिकल कल्चर है बड़े सपने देखना और उस से भी ज्यादा हासिल करने के लिए जी-जान से जुट जाना। हम शरीर का कण-कण और समय का पल-पल खपाने का हौसला रखते हैं।
- 2014 में केवल सत्ता परिवर्तन नहीं हुआ। 2014 में भारत के लोगों ने भारत के पुनर्जागरण की नई यात्रा का शंखनाद कर दिया है। 800 साल से ज्यादा की गुलामी से बाहर निकल कर एक राष्ट्र अपना खोया हुआ गौरव पाने के लिए फिर से उठ खड़ा हुआ है।
- इस प्रक्रिया में दशकों से चली आ रही बुराइयां धीरे-धीरे कमजोर पड़ती जा रही हैं। सन् 47 में अंग्रेज भले ही चले गए लेकिन लोगों को गुलाम रखने की मानसिकता यहीं छोड़ गए। आजादी के बाद देश में ऐसा वर्ग खूब फला-फूला जो सत्ता को अपना जन्मजात हक़ समझता था। इन लोगों की बादशाही मानसिकता ने देश के लोगों को हमेशा अपना गुलाम माना।
राष्ट्र प्रथम के मंत्र को अपना आदर्श बनाया : PM मोदी
- भाजपा वो पार्टी है जिसके लिए राष्ट्र सदा सर्वोपरि रहा है। एक भारत-श्रेष्ठ भारत जिसकी आस्था का मूलमंत्र रहा है। जब जनसंघ का जन्म हुआ था तो हमारे पास न ज्यादा सियासी अनुभव था, न साधन थे, न संसाधन थे लेकिन हमारे पास मातृभूमि के प्रति भक्ति और लोकतंत्र की शक्ति थी।
- हमने राष्ट्र प्रथम के मंत्र को अपना आदर्श बनाया है। भाजपा ने लोकतंत्र की कोख से जन्म लिया। लोकतंत्र के अमृत से पोषित है और भाजपा देश के लोकतंत्र और संविधान को मजबूत करते हुए समर्पण भाव से दिन-रात देश के लिए काम कर रही है।
- हमारा समर्पण है मां भारती को, हमारा समर्पण है देश के कोटि-कोटि जनों को, हमारा समर्पण है देश के संविधान को। आज भाजपा विकास और विश्वास का पर्याय है, नए विचार का पर्याय है और देश की विजय यात्रा में एक मुख्य सेवक बन कर अपनी भूमिका निभा रही है।
- भाजपा सामाजिक न्याय को जीती है…इसकी भावना का अक्षरश: पालन करती है। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिलना सामाजिक न्याय का प्रतिबिंब है। 50 करोड़ गरीबों को बिना भेदभाव 5 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिलना सामाजिक न्याय की सशक्त अभिव्यक्ति है।
- 45 करोड़ गरीबों के बिना भेदभाव जनधन खाते खोलना सामाजिक न्याय के Inclusive Agenda का जीता जगता उदहारण है। 11 करोड़ लोगों को शौचालय मिलना ही तो सामाजिक न्याय है। बिना तुष्टिकरण और भेदभाव किए भाजपा सामाजिक न्याय के इरादों को सच्चे अर्थों में साकार करने वाला एक पर्याय बन कर उभरी है।
जेपी नड्डा के संबोधन की बड़ी बातें
- बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने संबोधन में कहा कि, मैं अपने करोड़ों कार्यकर्ताओं को पार्टी के स्थापना दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई देता हूं। आज के दिन हमारे सभी वरिष्ठ नेता, जिन्होंने अपने खून-पसीने से इस पार्टी को सींचा है।
- आज हमें यह संकल्प लेना है कि, प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हमें एक क्षण के लिए भी बैठना नहीं है और हम पार्टी को और आगे ले जाएंगे।
- प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में पार्टी ने कच्छ से लेकर पूर्वोत्तर तक और कश्मीर से लेकर केरल तक अपनी छाप छोड़ी है। हमारे कार्यकर्ताओं ने पार्टी को स्थापित किया है।
- आज पार्टी द्वारा 1 लाख 80 हजार शक्ति केंद्रों पर काम किया जा रहा है। 8 लाख 40 हजार बूथों पर भाजपा का बूथ अध्यक्ष मौजूद है।
जेपी नड्डा ने पार्टी मुख्यालय पर फहराया झंडा
स्थापना दिवस के मौके पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली में पार्टी मुख्यालय पर झंडा फहराया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने भारत माता की जय, भारतीय जनता पार्टी जिंदाबाद के नारे लगाए। इसके साथ ही ‘हर-हर मोदी-घर-घर मोदी’ और ‘मोदी है तो मुमकिन है’ के नारे भी लगाए गए। वहीं भाजपा नेता आज से देश के सभी बूथों पर पार्टी के नारे लिखेंगे।
Bharatiya Janata Party national president JP Nadda hoists the flag at party headquarters on the 44th Foundation Day of BJP in Delhi. pic.twitter.com/8KXU8is7YE
— ANI (@ANI) April 6, 2023
अंबेडकर जयंती तक विशेष सप्ताह मनाएगी BJP
स्थापना दिवस के मौके पर एक सप्ताह के लिए विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। भाजपा आज से डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल तक विशेष सप्ताह मनाएगी। पार्टी इस दौरान केंद्र सरकार के द्वारा जारी की गई कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाएगी।
भारतीय जनसंघ से जुड़ा है बीजेपी का इतिहास
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का इतिहास भारतीय जनसंघ से जुड़ा है। 21 अक्टूबर 1951 को दिल्ली में जनसंघ की स्थापना हुई थी। जनसंघ की स्थापना डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, प्रोफेसर बलराज मधोक, दीनदयाल उपाध्याय ने की थी। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जनसंघ के पहले अध्यक्ष बनाए गए थे। जनसंघ का चुनाव चिन्ह ‘दीपक’ और झंडा भगवा रंग का था।
देश में 1975 में लागू किया गया आपातकाल जनसंघ की सियासत में टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ।
साल 1977 में आपातकाल खत्म होने के बाद जनसंघ के नेतओं ने विरोधी दलों के साथ मिलकर जनता पार्टी बनाई। जनसंघ का जनता पार्टी में विलय हो गया। चुनाव में मोरारजी देसाई की अगुवाई में जनता पार्टी की केंद्र में सरकार बनी।
जनता पार्टी का गठन संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय लोकदल, कांग्रेस (ओ), जनसंघ को मिलाकर किया गया था।
जनता पार्टी से भाजपा पार्टी कैसे बनी
1980 के आते-आते जनता पार्टी में समाजवादी और जनसंघ से जुड़े नेताओं के रास्ते अलग हो गए थे। 1980 के लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी की हार के बाद इंदिरा गांधी सत्ता में लौट आईं थीं।
जनता पार्टी के समाजवादी धड़ों ने लोकदल का गठन कर लिया। वहीं जनसंघ के नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की।
अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी सहित जनसंघ के अन्य नेताओं ने दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में 6 अप्रैल, 1980 को भारतीय जनता पार्टी के नाम से नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान किया। इसके पहले अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी बने।