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संगीत से जुड़ा व्यक्ति कभी खत्म नहीं होता : शंकर महादेवन

शिवानी गुप्ता, भोपाल। मध्यप्रदेश का 67वां स्थापना दिवस आज (1 नवंबर) मनाया जाएगा। इसको लेकर राजधानी भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में भव्य कार्यक्रम होगा। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मंत्री-विधायक, जन-प्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी सहित नागरिक उपस्थित रहेंगे। दूसरी ओर प्रसिद्ध तीन संगीतकार शंकर, एहसान और लॉय समूह द्वारा एक बैंड प्रदर्शन किया जाएगा और कोरियोग्राफर मैत्रेयी पहाड़ी साथी कलाकारों के साथ नृत्य नाटक ‘शिव महिमा’ देखेंगे। कार्यक्रम से पहले पीपुल्स समाचार की सब एडिटर शिवानी गुप्ता ने शंकर महादेवन से खास बातचीत की।

शंकर महादेवन से खास बातचीत

मध्यप्रदेश स्थापना दिवस को लेकर शंकर महादेवन ने कहा कि ये हमारे लिए बेहद गर्व की बात है कि प्रदेश सरकार ने हमें यहां परफॉर्म करने के लिए चुना है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट से होटल तक आने में शहर की खूबसूरती देखकर बहुत अच्छा लगा।

देश में संगीत को लेकर हैं कई अवसर

शंकर महादेवन ने पुराने संगीत कलाकार जो आज हमे दिखाई और सुनाई नहीं दे रहे हैं उस पर कहा कि हम लोगों का एक वहम है कि कोई सिंगर टीवी पर दिखाई नहीं दे तो वो चला गया है, यह बिल्कुल गलत बात है। हमारा देश बहुत बड़ा है और हमारे देश में बहुत अवसर हैं अपने आपको आगे लाने में। हमारे देश में संगीत का महत्व हर अवसर पर रहता है। चाहे कोई भी इवेंट हो जैसे कि शादी, एंगेजमेंट, मेहंदी, विदाई, मंदिर का उद्घाटन आदि। हर आर्टिस्ट अपने-अपने लेवल के हिसाब से व्यस्त है।

क्लासिकल म्यूजिक को लेकर कही ये बात

क्लासिकल म्यूजिक कितना जरूरी है, इस पर शंकर महादेवन ने कहा कि अगर आपका क्लासिकल बेस स्ट्रॉन्ग है तो आपकी कला में गहराई होगी।

शंकर महादेवन – हर व्यक्ति के अंदर एक जुनून (Passion) होता है, जिसको प्रोफेशन बनाने में थोड़ी हिचकिचाहट भी होती है कि करूं कि नहीं करूं, मेरा फ्यूचर क्या होगा ? इसी तरह मैं भी एक साधारण मध्यम वर्गीय परिवार से हूं, साउथ इंडियन परिवार के कल्चर में संगीत बहुत जरूरी है। मैं भी संगीत सीख रहा था, उसके साथ-साथ करियर भी जरूरी था तो इंजीनियर बन गया। लेकिन मेरा झुकाव संगीत को लेकर था कि और मन मैं सवाल भी था कि अभी क्या करूं, कहीं जिंदगी के 50 साल बाद अफसोस न हो कि पहले कोशिश ही नहीं की। इस दौरान मेरी पत्नी ने मेरा बहुत सपोर्ट किया और कहा कि हो सकता है 1 मिलियन इंजीनियर्स हों लेकिन शंकर महादेवन एक ही होगा। बाद में जो होगा देखा जाएगा। फिर क्या था शंकर महादेवन ने संगीत जगत में अपनी सुर लहरियों को बिखेर दिया।

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