Mithilesh Yadav
18 Sep 2025
नई दिल्ली। बुधवार 26 जून से दूरसंचार अधिनियम 2023, आंशिक रूप से लागू हो गया है। इसका मतलब ये है कि इस कानून की कुछ धाराओं के नियम लागू हो गए हैं। दूरसंचार अधिनियम 2023 मौजूदा भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम (1885), वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम (1933) और टेलीग्राफ वायर (अवैध कब्जा) अधिनियम (1950) के पुराने विनियामक ढांचे की जगह लेगा। बुधवार से अधिनियम की धारा 1, 2, 10 से 30, 42 से 44, 46, 47, 50 से 58, 61 और 62 के प्रावधान भी लागू हो गए हैं। सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, सरकार सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था या अपराधों की रोकथाम के आधार पर दूरसंचार सेवाओं का नियंत्रण अपने हाथ में ले सकती है। अब किसी भी तरह के सिम कार्ड फ्रॉड करने पर तीन साल की जेल और जुर्माना लगेगा। फर्जी सिम कार्ड बेचने, खरीदने और इस्तेमाल करने पर भी तीन साल तक जेल या 50 लाख रु. तक जुर्माने का प्रावधान है। सिम बेचने के लिए बायोमेट्रिक डाटा लिया जाएगा। एक पहचान पत्र पर 9 से ज्यादा सिम कार्ड होने पर 50 हजार रु. का जुर्माना है।
सिम कार्ड क्लोन करने या किसी और के सिम कार्ड का दुरूपयोग करना अब दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा। देश में सिम कार्ड क्लोनिंग को लेकर काफी मामले सामने आ रहे हैं। आए दिन लोगों के सिम कार्ड को क्लोन करके लोगों के खाते से पैसे निकाले जा रहे हैं।
टेलीकॉम कंपनियों को यूजर को डीएनडी (डू-नॉट-डिस्टर्ब) सर्विस रजिस्टर करने का ऑप्शन देना होगा। इसके अलावा यूजर्स को इस तरह के मैसेज की शिकायत करने का भी ऑप्शन मिलेगा।
सरकार सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था या अपराधों की रोकथाम के आधार पर दूरसंचार सेवाओं का नियंत्रण अपने हाथ में ले सकती है। कोई भी दूरसंचार कंपनी जो दूरसंचार सेवाएं प्रदान करना चाहता है या अनुपातिक उपकरण रखना चाहता है, उसे सरकार द्वारा अधिकृत होना होगा।
सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा के लिए स्पेक्ट्रम का आवंटन अब प्रशासनिक तरीके से होगा यानी इसकी नीलामी नहीं होगी। अब देश के बाहर की कंपनियों को भी स्पेक्ट्रम दिए जाएंगे। नए बिल से एलन मस्क के स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट की भारत में एंट्री का रास्ता साफ हो गया है। इसके तहत स्पेक्ट्रम आवंटित होने वाली पहली सूची में 19 सेवाओं ग्लोबल पर्सनल सैटेलाइट कम्युनिकेशन, राष्ट्रीय लंबी दूरी और अंतरराष्ट्रीय लंबी दूरी की सेवाएं, मोबाइल उपग्रह सेवाएं, वीएसएटी, इन-μलाइट और समुद्री कनेक्टिविटी को शामिल किया गया है।
बिना इजाजत टेलीकॉम नेटवर्क का डाटा एक्सेस करना, कॉल टैप करना या रिकॉर्ड करना अपराध माना जाएगा। इसके लिए तीन साल की सजा भी हो सकती है।
नए कानून के अनुसार अब टेलीकॉम कंपनियों को प्रमोशनल मैसेज भेजने से पहले सरकार से इसकी इजाजत लेनी होगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों को देखते हुए टेलीकॉम कंपनियों को अपने इक्विपमेंट्स केवल सरकार द्वारा आइडेंटिफाइड ट्रस्टेड सोर्स से ही लेने होंगे।
यदि कोई यूजर डीएनडी सर्विस ऑन रखता है तो उसके पास इस तरह के मैसेज या कॉल नहीं जाने चाहिए और यदि नियम का उल्लंघन होता है तो कार्रवाई होगी। ऐसे संचार पर भी रोक रहेगी जो ग्राहकों की प्राथमिकताओं के आधार पर वाणिज्यिक संदेशों पर दूरसंचार नियामक भारतीय दूरसंचार विनियम प्राधिकरण (ट्राई) के नियमों का उल्लंघन करते हैं।