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रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रविवार को बड़ा विवाद सामने आया, जब केवीआईपी चौक पर स्थित छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति को खंडित कर दिया गया। इस घटना ने पूरे शहर में आक्रोश फैला दिया। राज्योत्सव से ठीक पहले हुई इस घटना को लेकर स्थानीय संगठनों और राजनीतिक दलों ने विरोध दर्ज कराया।
वहीं सोमवार सुबह पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। जांच में सामने आया कि आरोपी मानसिक रूप से बीमार है और नशे की हालत में मूर्ति को नुकसान पहुंचाया था।
मूर्ति खंडित होने की खबर मिलते ही छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के सदस्य मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन किया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प की स्थिति भी बनी। प्रदर्शन के दौरान एक व्यक्ति भावुक होकर छत्तीसगढ़ महतारी के लिए रोता हुआ नजर आया। बवाल के बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सोमवार को नई प्रतिमा स्थापित कर दी।
तेलीबांधा थाने में अज्ञात आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय सूत्रों की मदद से आरोपी की पहचान मनोज सतनामी उर्फ शिवशंकर निवासी पुसौर, सारंगढ़ के रूप में की।
सीएसपी रामाकांत साहू ने बताया कि आरोपी को सोमवार सुबह राम मंदिर के पास से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने अपराध कबूल किया। परिवार के मुताबिक, वह लंबे समय से मानसिक रूप से विक्षिप्त है और उसका इलाज सेंद्री और रांची में हुआ था।
मामले पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि दोषी को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे भाजपा सरकार की असंवेदनशीलता से जोड़ा। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- कहीं यह शासन-प्रशासन के कार्यक्रमों से छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीरें हटाने वाली भाजपा सरकार की करतूत तो नहीं? अगर जनआक्रोश को अनदेखा किया गया तो यह अच्छा नहीं होगा। छत्तीसगढ़ महतारी की जय!
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद से राज्य की अस्मिता खतरे में है। वहीं, बजरंग दल ने मांग की कि आरोपी का मुंडन कर जुलूस निकाला जाए और उसी स्थान पर 36 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाए।