Manisha Dhanwani
5 Nov 2025
पुणे जिले के दौंड तालुका स्थित यवत गांव में 26 जुलाई को नीलकंठेश्वर मंदिर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को खंडित कर दिया गया था। इस घटना से गांव में गुस्सा और नाराज़गी फैल गई। हिंदू संगठनों और ग्रामीणों ने इसे जानबूझकर की गई साजिश बताया और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
इस घटना के विरोध में बीजेपी विधायक गोपीचंद पडळकर ने कार्यकर्ताओं के साथ गांव में प्रदर्शन मार्च निकाला और लोगों को न्याय दिलाने की बात कही।
प्रदर्शन के अगले दिन शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक पोस्ट वायरल हुई, जिससे तनाव और बढ़ गया। इसके बाद गांव की एक मस्जिद पर पथराव हुआ, जिससे दो समुदायों के बीच तनाव गहरा गया।
स्थिति बिगड़ने से पहले ही पुलिस मौके पर पहुंची और गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। पुलिस ने गांव के प्रमुखों के साथ बैठक कर सभी से शांति बनाए रखने की अपील की।
गांव के लोगों ने शुक्रवार को यवत पूरी तरह बंद रखा। स्कूल, बाजार और अन्य गतिविधियां बंद रहीं। ग्रामीणों ने प्रदर्शन मार्च निकालकर प्रशासन से जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की।
यवत पुलिस के इंस्पेक्टर नारायण देशमुख ने बताया कि आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले युवक सैय्यद को हिरासत में ले लिया गया है। उस पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
पुणे के एसपी संदीप सिंह गिल ने कहा कि दोपहर करीब 12 से 12:30 बजे के बीच आपत्तिजनक पोस्ट की सूचना मिली। मामले की गंभीरता को देखते हुए युवक को थाने लाया गया और गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए तुरंत कदम उठाए गए। उन्होंने बताया कि फिलहाल गांव में शांति है और स्थिति नियंत्रण में है। साथ ही सोशल मीडिया पर अफवाहों से बचने की अपील भी की गई है।