पटना। विधानसभा चुनाव में जनसुराज प्रमुख प्रशांत किशोर की पार्टी चुनाव से पहले कई बड़े वादे कर रही थी। साथ ही जमीनी स्तर पर वोटरों को साधने का प्रयास भी बखूबी किया गया। लेकिन पार्टी विधानसभा चुनाव में बुरी तरह पीट गई। बीते 6 महीने में ये जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर के 3 बयान सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहे जिसमें उन्होंने बड़े दावा किए थे। कभी लिखकर तो कभी बोलकर ऐसा दावा करते दिखे।
6 साल में 6 CM बनवाने वाला ये शख्स जब खुद बिहार जीतने निकला तो एक भी सीट नहीं जीत पाया। 1 करोड़ से ज्यादा सदस्यों का दावा करने वाली जनसुराज पार्टी को महज 10 लाख वोट भी नहीं मिले। 238 सीटों पर कैंडिडेट उतारे, उसमें से 233 सीटों मतबल 98% सीटों पर जमानत जब्त हो गई।
लेकिन सबसे पहले तीन बयानों पर एक नजर-
- मैं अपने जीवन की सबसे बड़ी हार मानूंगा कि तीन साल मेरे जीवन का सब कुछ...मेरा अनुभव, मेरा प्रयास, मेरा संसाधन, मेरा सब कुछ मैंने दांव पर लगाया है। अगर इसके बाद अगर 130 सीटें आईं तो उसे में जनसुराज की हार मानूंगा, अपनी व्यक्तिगत हार मानूंगा।
- रिजल्ट के बाद अगर जनसुराज को 25 सीट से ज्यादा आ जाएं तो आप आइएगा.. कहिएगा, अगर जनसुराज जीता भी होगा.. तो भी कहिएगा मैं छोड़ दूंगा।
- नीतिश जी जा रहे, ये भूल मत कीजिएगा आप लोग।
AIMIM, बसपा से भी खराब प्रदर्शन
- प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाली जनसुराज पार्टी के प्रदर्शन की बात करे तो 238 में से 233 कैंडिडेट मतलब 98% की जमानत जब्त हो गई है। पार्टी एक सीट मढ़ौरा पर दूसरे नंबर तक नहीं पहुंच पाई। वह भी तब जब NDA के प्रत्याशी का नामांकन खारिज हो गया था। जनसुराज को करीब 2% वोट मिलता दिख रहा है। लेकिन विधानसभा चुनाव में इससे अच्छा प्रदर्शन तो असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM और मायावती की BSP का रहा है।
- AIMIM 28 सीटों पर चुनाव लड़ी और उसे 2% वोट शेयर के साथ 5 सीटों पर जीत मिलती दिख रही है। जबकि, 181 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली BSP को 1.5% वोट शेयर के साथ एक सीट पर जीत मिल रही है।
6 हजार किलोमीटर की यात्रा, 5 हजार प्रचार
- जनसुराज पार्टी का दावा है कि पार्टी बनाने से पहले प्रशांत किशोर ने 5 मई 2022 से 2 अक्टूबर 2024 तक 6 हजार किलोमीटर की पैदल यात्रा की। जिलमें 5 हजार गांवों तक पहुंचे और 5 हजार सभाएं की। खूब प्रचार-प्रसार किया।
- मई 2022 से 1,280 दिन तक बिहार की खाक छानते रहे, लेकिन नतीजा सिफर रहा। प्रशांत किशोर ने पूरा चुनावी कैंपेन सड़क मार्ग से की। कोई हवाई यात्रा मतलब हेलिकॉप्टर से प्रचार करने नहीं गए।
- पीके ने बताया कि 21 अक्टूबर से हर दिन औसतन 200 KM की दूरी तय की। रोज 8 से 10 विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया।