Naresh Bhagoria
5 Nov 2025
हिंदू धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दौरान श्राद्ध, तर्पण और दान से दिवंगत आत्माओं की मुक्ति होती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस साल पितृपक्ष की शुरुआत 8 सितंबर 2025 से होगी और इसका समापन 21 सितंबर 2025 (सर्वपितृ अमावस्या) को होगा। आइए जानते हैं किस तिथि को श्राद्ध करना उचित रहेगा।
माना जाता है कि पितृपक्ष में किए गए कर्म, दान और पूजा से पितर संतुष्ट होते हैं। पितरों का आशीर्वाद मिलने से परिवार में सुख, समृद्धि और उन्नति आती है। जिन पितरों की मृत्यु तिथि याद नहीं होती या श्राद्ध छूट जाता है, उनका श्राद्ध सर्वपितृ अमावस्या पर किया जाता है।