ताजा खबरराष्ट्रीय

फुलवारीशरीफ मामले में NIA का बड़ा एक्शन : बिहार, कर्नाटक और केरल में 25 ठिकानों पर रेड

पटना। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के फुलवारीशरीफ मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) एक बार फिर एक्शन मोड में आ गई है। एनआईए ने बिहार, कर्नाटक और केरल में करीब 25 ठिकानों पर छापेमारी की है। दक्षिण कन्नड़ जिले में प्रतिबंधित PFI कार्यकर्ताओं से जुड़े 16 ठिकानों पर NIA ने छापेमारी की है।

बिहार के कटिहार में मोहम्मद नदवी और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ भी जांच एजेंसी कार्रवाई कर रही है। मोहम्मद नदवी का पीएफआई से बहुत पुराना नाता रहा है। इसके साथ ही यूसुफ टोला में भी जांच एजेंसी की टीम पहुंची है। NIA उन संदिग्धों के परिसरों पर छापेमारी कर रही है, जो पटना के फुलवारीशरीफ इलाके में गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल थे।

पहले भी 6 लोगों को किया था गिरफ्तार

इससे पहले, NIA ने इस मामले में  6 लोगों को गिरफ्तार किया था। उनके पास से PFI से संबंधित कई आपत्तिजनक लेख और दस्तावेज जब्त किए गए थे। इस मामले को पिछले साल 12 जुलाई को बिहार के पटना जिले के फुलवारीशरीफ पुलिस स्टेशन में दर्ज किया था। पिछले साल 22 जुलाई को NIA द्वारा फिर से पंजीकृत किया गया था।

NIA ने बिहार के मोतिहारी में इस साल 4-5 फरवरी को स्थानों पर भी तलाशी ली और दो लोगों को गिरफ्तार किया। जिन्होंने हत्या को अंजाम देने के लिए हथियार और गोला-बारूद की व्यवस्था की थी।

भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने की थी प्लानिंग

छापेमारी में इंडिया 2047 नाम का 7 पेज का डॉक्यूमेंट मिला था। जिसमें अगले 25 साल में भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने की प्लानिंग की गई थी। इसी टारगेट को पूरा करने के लिए मुस्लिम युवाओं को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी। वहीं पकड़े गए लोगों से पूछताछ में पता चला था कि, 12 जुलाई को पटना आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ये हमला करना चाहते थे। इसके लिए उन्हें 15 दिन से ट्रेनिंग दी जा रही थी।

देश के 23 राज्यों में सक्रिय है संगठन

पॉपुलर फ्रट ऑफ इंडिया यानी PFI का गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था। ये संगठन दक्षिण भारत में तीन मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था। जिनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे। पीएफआई का दावा है कि इस वक्त देश के 23 राज्यों में यह संगठन सक्रिय है।

क्या है पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ?

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) एक इस्लामिक संगठन है। ये संगठन खुद को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला बताता है। 2006 में मनिथा नीति पसाराई (MNP) और नेशनल डेवलपमेंट फंड (NDF) नामक संगठन ने मिलकर पॉपुलर फ्रंट इंडिया (PFI) का गठन किया था। संगठन की जड़े केरल के कालीकट में हैं। ये संगठन शुरुआत में दक्षिण भारत के राज्यों में ही सक्रिय था, लेकिन अब UP-बिहार समेत 23 राज्यों में इसका विस्तार हो चुका है।

केरल से चर्चा में आया था PFI

PFI सबसे पहले 2010 में चर्चा में आया था। आरोप था कि, प्रोफेसर जोसेफ ने एक प्रश्नपत्र में पूछे गए सवाल के जरिए पैगंबर मोहम्मद साहब का अपमान किया था। इसके बाद कहा गया कि, PFI कार्यकर्ताओं ने प्रोफेसर जोसेफ के हाथ काट दिए थे।

संगठन पर क्यों लगाया गया प्रतिबंध

सरकार ने पिछले महीने PFI और उसके कई सहयोगियों पर आतंकी संगठन ISIS के साथ ‘कनेक्शन’ होने के आरोप में पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। पीएफआई से कथित रूप से जुड़े 250 से ज्यादा लोगों को पिछले महीने कई राज्यों में छापेमारी कर गिरफ्तार किया गया था।

ये भी पढ़ें- PFI पर लगा 5 साल के लिए बैन : टेरर लिंक के आरोप में ऑल इंडिया इमाम काउंसिल समेत 8 और संगठनों पर भी एक्शन

पीएफआई की उत्पत्ति और विचारधारा

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI 22 नवंबर 2006 को तीन मुस्लिम संगठनों के मिलने से बना था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (NDF), कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिता नीति पसरई साथ आए। 16 फरवरी, 2007 को बेंगलुरु में तथाकथित ‘एम्पॉवर इंडिया कॉन्फ्रेंस’ के दौरान एक रैली में पीएफआई के गठन की औपचारिक रूप से घोषणा की गई थी।

अन्य राष्ट्रीय खबरों के लिए यहां क्लिक करें…

संबंधित खबरें...

Back to top button