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कोविशील्ड लगने के 14 दिन बाद दो लड़कियों की मौत, सीरम इंस्टीट्यूट पर केस करेगा भारतीय परिवार

नई दिल्ली। कोरोना काल में कोविशील्ड वैक्सीन लगने के बाद जिन दो लड़कियों की कथित तौर पर मौत हो गई थी, अब उनके माता-पिता ने कानूनी कार्रवाई करने का मन बना लिया है। दोनों परिवारों ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) पर मुकदमा करने का फैसला किया है। दरअसल, कोरोनाकाल में रितिका श्री ऑम्ट्री और करुण्या की मौत हो गई थी। दोनों लड़कियों ने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाई थी।

सीरम इंस्टीट्यूट ने ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के फार्मूले पर तैयार कोविशील्ड वैक्सीन बनाई थी। एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटिश हाईकोर्ट ने स्वीकार किया है कि उनकी कोविड वैक्सीन से खतरनाक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।

कोविशील्ड लगने के बाद दो लड़कियों की मौत

वेणुगोपाल गोविंदन की बेटी करुण्या की जुलाई 2021 में मौत हो गई थी। उनका आरोप है कि कोविशील्ड वैक्सीन का डोज लगने के लगभग महीनेभर बाद करुण्या की जान गई थी। सरकार ने राष्ट्रीय समिति का गठन किया था। समिति ने जांच के बाद निष्कर्ष निकाला था कि करुण्या की मौत का कारण वैक्सीन है, इस बात सबूत नहीं मिले थे। वहीं, रितिका श्री ऑम्ट्री के परिवार ने कहा कि आरटीआई में उनकी बेटी की मौत की वजह टीटीएस (थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम) सामने आई थी।

एस्ट्राजेनेका ने कहा कि कुछ मामलों में, थ्रोम्बोसिस से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) हो सकता है। इस बीमारी के कारण शरीर में खून के थक्के बन जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाती है।

यूके में भी दर्ज हुआ था मुकदमा

दरअसल, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड वैक्सीन को दुनिया में ‘कोविशील्ड’ और ‘वैक्सजेवरिया’ ब्रांड नामों के तहत बेचा गया था। यूके में जेमी स्कॉट नाम के एक पीड़ित ने मुकदमा किया था। जेमी स्कॉट को अप्रैल 2021 में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लेने के बाद ब्रेन में क्लॉटिंग हुई थी।

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