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Budget Session 2023 : वित्त मंत्री ने संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया, 2023-24 में GDP ग्रोथ रेट 6-6.8% रहने का अनुमान

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आर्थिक सर्वे पेश कर दिया है। बताया जा रहा है कि इसमें विकास दर 2023-24 में 6-6.8% रहने का अनुमान है। दुनियाभर में मंदी की आहट के बावजूद भारत की आर्थिक विकास दर अगले वित्त वर्ष यानी 2023-24 में 6.5% बनी रहेगी। हालांकि, यह मौजूदा वित्त वर्ष के 7% और पिछले वित्त वर्ष यानी 2021-22 के 8.7% के आंकड़े से कम है। आर्थिक सर्वे पेश होने के बाद लोकसभा कल 11 बजे तक स्थगित हो गई है। कल (1 फरवरी 2023) संसद में आम बजट पेश किया जाएगा।

आर्थिक सर्वे की खास बतें

  • आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। सर्वे के अनुसार, PPP (पर्चेजिंग पावर पैरिटी) के मामले में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और एक्सचेंज रेट के मामले में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था।
  • इसके साथ ही सर्वे में कहा गया कि एक बार महामारी के झटके और रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते कमोडिटी के दामों में आई उछाल से राहत मिली तो भारतीय अर्थव्यवस्था अगले दशकों में तेज गति से विकास करेगी।
  • सर्वे के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था का आउटलुक कोरोना पूर्व सालों से बेहतर है और आने वाले समय में इकोनॉमी अपनी पूरी क्षमता के साथ विकास करेगी।

MSME के लिए ऋण वृद्धि तेज रहने की संभावना

अगले वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति के अनुकूल होने और लोन की लागत कम रहने की संभावना है। ऐसे में सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (MSME) के लिए ऋण वृद्धि तेज रह सकती है। मंगलवार को संसद में पेश आर्थिक समीक्षा 2022-23 के मुताबिक यदि वित्त वर्ष 2023-24 में मुद्रास्फीति घटती है और ऋण की वास्तविक लागत में कोई बढ़ोतरी नहीं होती है, तो ऋण में तेज वृद्धि रहने की संभावना है। एमएसएमई क्षेत्र की ऋण वृद्धि दर जनवरी-नवंबर, 2022 के दौरान करीब 31 प्रतिशत रही।

आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि बैंकिंग सेक्टर ने कर्ज की मांग के अनुरूप कदम उठाए हैं। जनवरी -मार्च, 2022 तिमाही से ही बैंकों की ऋण वृद्धि साल-दर-साल दहाई अंक में रही है और यह अधिकांश क्षेत्रों में बढ़ रही है। आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, पब्लिक सेक्टर के बैंकों (PSB) के वित्त में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और अब नियमित अंतराल पर ये बैंक लाभ कमा रहे हैं।

आर्थिक सर्वे क्या होता है ?

मिडिल क्लास फैमिली अपने घर में एक डायरी में पूरा हिसाब-किताब रखती है। जिसमें पता चलता है कि हमारा घर खर्च कैसे चला ? हमने कहां-कितना खर्च किया ? कितना कमाया, कितना बचाया ? इसके आधार पर फिर हम तय करते हैं कि हमें आने वाले साल में किस तरह खर्च करना है ? बचत कितनी करनी है ? ठीक इसी तरह आर्थिक सर्वे हमारे घर की डायरी की तरह ही होता है। इससे पता चलता है कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था की हालत कैसी है ? आर्थिक सर्वे में बीते साल का हिसाब-किताब और आने वाले साल के लिए सुझाव, चुनौतियां और समाधान का जिक्र रहता है। आर्थिक सर्वे को बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है।

क्या होती है जीडीपी(GDP) ?

ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी सकल घरेलू उत्पाद (GDP) किसी एक साल में देश में पैदा होने वाले सभी सामानों और सेवाओं की कुल वैल्यू को कहते हैं। GDP इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे कॉमन इंडिकेटर्स में से एक है। इससे यह पता चलता है कि किन सेक्टरों की वजह से इसमें तेजी या गिरावट आई है।

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6 अप्रैल तक चलेगा सत्र

संसद का यह बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर छह अप्रैल तक चलेगा। सत्र का पहला चरण 13 फरवरी तक चलेगा और दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल तक चलेगा। बजट सत्र के दौरान 27 बैठक होंगी।

सरकार ने मांगा विपक्ष से सहयोग

संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि बजट सत्र के दौरान आम बजट 2023-24 पेश किया जाएगा। यह काफी महत्वपूर्ण सत्र है, हम सभी दलों का सहयोग चाहते हैं। विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों के संबंध में उन्होंने कहा कि विपक्ष के मुद्दों पर कार्य मंत्रणा समिति में चर्चा होती है और नियमों के अनुसार उन्हें लिया जाता है।

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