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झारखंड के मंत्री आलमगीर को झटका : कोर्ट ने 6 दिन की ED रिमांड पर भेजा, टेंडर कमीशन घोटाले में हुए थे गिरफ्तार; नौकर के घर मिला था करोड़ों का कैश

रांची। कांग्रेस नेता और झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को गुरुवार को ED ने PMLA कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें 6 दिनों की ED रिमांड पर भेज दिया है, जांच एजेंसी ने 10 दिनों की रिमांड मांगी थी। ईडी ने आलमगीर आलम को उनके सहायक से जुड़े परिसर से नकदी बरामद किए जाने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुधवार (15 मई, 2024) को गिरफ्तार किया था।

ED ने 37 करोड़ से अधिक कैश जब्त किया था

दरअसल, 6 मई को आलमगीर आलम के सचिव के नौकर के घर पर 37 करोड़ से अधिक की नकदी जब्त की गई थी। जिसके बाद आलम के निजी सचिव एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संजीव कुमार लाल (52) और लाल के घरेलू सहायक जहांगीर आलम (42) को गिरफ्तार किया था। धन शोधन जांच राज्य ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं और ‘‘रिश्वत” लेने से संबंधित है।

गिरफ्तार दोनों लोगों की रिमांड की मांग करते हुए, ईडी ने यहां एक विशेष PMLA अदालत को बताया था कि लाल ने कुछ प्रभावशाली लोगों की ओर से ‘‘कमीशन” एकत्र किया और ग्रामीण विभाग में ‘‘ऊपर से नीचे” तक के सरकारी अधिकारी कथित तौर पर रिश्वत लेने की सांठगांठ में शामिल हैं। इस मामले में ईडी की ओर से 37 करोड़ से अधिक रुपए जब्त किए गए थे क्योंकि एजेंसी ने अन्य स्थानों से भी लगभग तीन करोड़ रुपए जब्त किए थे।

पीए ने पूछताछ में किए कई खुलासे

दो दिन पूछताछ करने के बाद ईडी ने उन्हें बुधवार की शाम गिरफ्तार किया। इससे पहले ED ने मंत्री के पीएस संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर को गिरफ्तार किया था, छापेमारी के दौरान उसके घर से 30 करोड़ से ज्यादा कैश मिला था।

प्रवर्तन निदेशालय की रिमांड में चल रहे मंत्री आलमगीर आलम के पीए संजीव लाल ने पूछताछ में कई जरूरी जानकारियां दी हैं। पिछले करीब 7 दिनों से चल रही पूछताछ के दौरान संजीव ने स्वीकार किया कि उनके और उनके सहायक के यहां से बरामद हुए रुपए टेंडर कमीशन के हैं। इसके साथ ही टेंडर कमीशन के नाम पर किन-किन लोगों से रुपए लिए गए, इसकी भी जानकारी दी।

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